पप्पू कुमार पूर्वे
हिंदू धर्म में छठ पूजा का विशेष महत्व है. छठ पर्व मुख्य रूप से बिहार में मनाया जाता है. यह साल में दो बार पड़ती है. एक चैत्र मास में और दूसरा कार्तिक मास में. कार्तिक मास की छठ पूजा का पावन पर्व दिवाली के 6 दिन बाद मनाया जायेगा. यह पर्व चार दिनों तक बड़े ही धूम- धाम से मनाया जाता है. आइये जानें व्रत –उपवास के नियम.हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक छठ पूजा का पावन पर्व कार्तिक महीने में शुक्ल पक्ष की षष्ठी यानी छठी तिथि से शुरू हो रहा है. जो कि चार दिनों तक मनाया जायगा. इस बार कार्तिक मास का छठ पर्व 8 नवंबर से 12 नवंबर तक है. नहाय– खाय: छठ पर्व का प्रारंभ 8 नवंबर 2021 को नहाय- खाय के साथ किया जाएगा. इस दिन पूरे घर की साफ़ सफाई करके स्नान आदि किया जाता है. इसके बाद सूर्य देव को साक्षी मानकर व्रत का संकल्प किया जाता है. व्रती को इस दिन चने की सब्जी, चावल, साग आदि खाना चाहिए.खरना: छठ के दूसरे दिन को खरना कहते हैं. इस दिन व्रती को पूरे दिन व्रत रखना होगा. शाम को व्रती महिलाएं मिट्टी के चूल्हे पर गुड़वाली खीर का प्रसाद बनाएंगी. सूर्य देव की पूजा करने के बाद सभी व्रती यह प्रसाद ग्रहण करेंगे. इसके बाद व्रती 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती
हैं.सूर्य को अर्घ्य देना : छठ व्रत के तीसरे दिन महिलायें शाम के समय तालाब या नदी में जाकर सूर्य को अर्घ्य देती है।