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मंत्री सुमित कुमार सिंह की पत्नी सपना सिंह तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश ना यादव की पुत्री दिव्या विधान परिषद चुनाव में उतरेगी?

संवाद 

मिथिला हिन्दी न्यूज जमुई।तारापुर उपचुनाव के बीच पंचायत स्तरीय विधान परिषद सीट की तैयारी भी राजद व एनडीए के द्वारा किया जाने लगा है तारापुर से टिकट कटने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव की बेटी दिव्या तथा चकाई से निर्दलीय चुनाव जीतकर नीतीश सरकार में मंत्री सुमित सिंह की पत्नी सपना सिंह की चर्चा जोर पकड़ चुकी है। सपना सिंह को टिकट देकर जहां जदयू सुमित सिंह के संग अपने रिश्तेदार मजबूत कर सकता है वही राजद तारापुर से टिकट नहीं देने की भरपाई जयप्रकाश नारायण यादव की पुत्री को विधान परिषद चुनाव में उतारकर करना चाहता है।पंचायत नगर निकाय कोटे से विधान परिषद चुनाव में अभी वक्त है लेकिन चरणवार पंचायत चुनाव परिणाम के साथ ही सरगर्मी बढ़ने लगी है। सरगर्मी बढ़ना भी स्वाभाविक है। आखिर उक्त चुनाव के मतदाता तो यही नवनिर्वाचित प्रतिनिधि होंगे।लिहाजा नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों से मिलने-मिलाने का दौर अपनी गति पर है। इसके मतलब भी निकाले जाने लगे हैं। आलम यह है कि जमुई में तारापुर उपचुनाव तथा पंचायत चुनाव के बीच विधान परिषद के चुनाव की भी चर्चा होने लगी है। इन्हीं चर्चाओं में निवर्तमान विधान पार्षद संजय के हैट्रिक को रोकने की तैयारी शुरू हो गई है। मंत्री सुमित की पत्नी सपना तथा जयप्रकाश की पुत्री दिव्या विधान परिषद चुनाव में उतरेगी, ऐसी चर्चा राजनीतिक गलियारों में होने लगी है।यहां बताना लाजिमी है कि मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा और जमुई तक फैले इस क्षेत्र से निवर्तमान विधान पार्षद को पिछले दोनों चुनावों में राजद के टिकट पर जीत मिली थी। वे जदयू के नाव पर सवार होकर पहली बार चुनाव मैदान में उतरेंगे, यह लगभग तय माना जा रहा है। हालांकि संजय प्रसाद की जिद चकाई से विधानसभा पहुंचने की है और वह चकाई की कीमत पर विधान परिषद का टिकट लेने के पक्ष में नहीं बताए जाते हैं।इस बीच चकाई से निर्दलीय विधायक और बिहार सरकार में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह की पत्नी तथा पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह की बहू सपना सिंह की चर्चा जोर पकड़ने लगी है। इस चर्चा को तब और बल मिला जब विधान पार्षद के गृह पंचायत कुंदरी सनकुरहा से दूसरी बार निर्वाचित उनके धुर विरोधी मुखिया गीता मंडल सुमित के दरबार में देखे गए। उनके अलावा इंदपे पंचायत से दोबारा जीतने वाले संतोष यादव की भी मौजूदगी बहुत कुछ बयां कर रहा है।यहां बता दें कि उक्त दोनों मुखिया की पृष्ठभूमि राजद से जुड़े रहने की है। इस संदर्भ में फिलहाल मंत्री सुमित कुमार सिंह तो कुछ बोलने से परहेज कर रहे हैं लेकिन उनके आसपास के आभामंडल से छनकर आ रही खबरों पर यकीन करें तो जदयू से संजय प्रसाद को टिकट मिलने की स्थिति में सपना कुमारी बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में होंगी। इधर तारापुर उपचुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव की पुत्री दिव्या प्रकाश को टिकट से वंचित किए जाने के पीछे भी विधान परिषद के टिकट की गारंटी राजनीतिक विश्लेषक बता रहे हैं। चर्चाओं और राजनीतिक विश्लेषकों का आकलन सत्य हुआ तो विधान परिषद का चुनाव रोचक होना तय है। बहरहाल विधान परिषद चुनाव की डुगडुगी बजने से पहले नवगठित नगर निकायों में चुनाव होना है।

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