संवाद
मिथिला हिन्दी न्यूज :- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में सोमवार को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की घोर लापरवाही सामने आई। जिसे सुनकर सीएम नीतीश भी चौंक गए और अधिकारियों से पूछ बैठे कि 'ई तो कमाल चीज है, ऐसे कैसे हुआ. दरअसल, शिवहर जिले से आए एक फरियादी लड़के ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बताया कि हम 2016 में मैट्रिक की परीक्षा पास किये, लेकिन मेरे सर्टिफिकेट पर मेरी तस्वीर की बजाए एक लड़की की तस्वीर लगा दी गई। लड़की की तस्वीर की वजह से उन्हें काफी परेशानी हो रही है। हमने सुधार के लिए बिहार बोर्ड में आवेदन भी किये, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। आखिरकार वह जनता दरबार में पहुंचा है।नहीं बदला तो जॉब नहीं कर पाएंगे सर."युवक की शिकायत सुनकर सीएम नीतीश ने उससे पूछा कि "पास आप किये हैं और फोटो लड़की का लगा दिया? आप कहां से हैं? कहाँ पढ़े थे? 2016 में पास किये थे? मैट्रिक पास किये थे? सर्टिफिकेट यहीं से (पटना से) ही न गया होगा?" इन तमाम सवालों के बाद सीएम ने शिक्षा विभाग के अधिकारी को फोन घुमाया और कहा कि "यहां एक यूथ आया है. बता रहा है कि 2016 में इसने मैट्रिक पास किया. सर्टिफकेट में इसके जगह लड़की का फोटो है. ई तो कमाल चीज है, ऐसे कैसे हुआ? जरा दिखवाइये तो इसे. माध्यमिक शिक्षा वाले को तुरंत दिखवाइये."मुख्यमंत्री के जनता दरबार में समस्तीपुर से आए एक युवक की शिकायत सुनकर मुख्यमंत्री गुस्से में आ गए है. मुख्यमंत्री के सामने कहा कि उसने 2017 में मैट्रिक की परीक्षा पास की थी, लेकिन उसे प्रोत्साहन राशि नहीं दी गई. युवक ने आरोप लगाया कि पूछने पर दफ्तर से धक्के मारकर निकाल दिया जाता है. यह बात सुनकर सीएम गुस्से में आ गए. उन्होंने पिछड़ा विभाग के सचिव को तलब किया।