संवाद
मिथिला की सांस्कृतिक प्रतीक मखान की जीआई टैगिंग मिथिला मखान की बजाय बिहार मखान के नाम से किए जाने की बिहार सरकार की राजनीतिक साजिश को मिथिला वासी कतई स्वीकार नहीं करेंगे और इसके विरोध में विद्यापति सेवा संस्थान के तत्वावधान में उग्र आंदोलन चलाया जाएगा. उक्त बातें रविवार को एम एल एस एम कॉलेज के सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डा बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कही. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार की शुरू से ही मिथिला के मखान की जीआई टैगिंग बिहार मखाना के नाम से करने की मंशा रही है ताकि मखान उत्पादन क्षेत्त्र के विकास के लिए मिलने वाले आर्थिक लाभ की बंदरबांट अपने हिसाब से कर सके. उन्होंने कहा कि पूर्व में ऐसा मामला प्रकाश में आने पर विद्यापति सेवा संस्थान ने मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से लेकर सबौर विश्वविद्यालय तक जब अपना विरोध जताया तो न सिर्फ मिथिला मखान के नाम से मिथिला के मखान की जीआई टैगिंग किए जाने की बात सरकार एवं प्रशासनिक स्तर पर स्वीकार कर ली गई, बल्कि इस बाबत संस्थान को लिखित रूप में आश्वस्त भी कर दिया गया. लेकिन अब चोर दरवाजे से एक बार फिर सरकार द्वारा मिथिला के मखान की जीआई टैगिंग बिहार मखाना के नाम से करने की कवायद ने उनकी ओछी मानसिकता को जगजाहिर कर दिया है. उन्होंने कहा कि मखान मिथिला का है और जीआई टैगिंग के नाम पर इसकी पहचान कायम रखने के लिए साढ़े आठ करोड़ मिथिला वासी कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे. इसके लिए 29 नवम्बर को दिल्ली के वोट क्लब पर धरना दिया जाएगा. उन्होंने विभिन्न संगठनों एवं मिथिला क्षेत्र के जन प्रतिनिधि यों एवं मंत्रियों को एक मंच पर आने की अपील की. मौके पर डा. विद्यानाथ झा एवं डा. अनिल कुमार झा ने भी अपने विचार रखे.
इससे पहले उन्होंने आगामी 17 से 19 नवंबर तक कॉलेज परिसर में आयोजित होने वाले तीन दिवसीय समारोह के बारे में बताया कि यह साहित्यिक एवं सांस्कृतिक महाकुंभ यादगार होगा. इसमें आम मिथिला वासी से लेकर भारी संख्या में पड़ोसी देश नेपाल एवं प्रवासी मैथिल भाग लेंगे.कार्यक्रम की शुरुआत 17 नवंबर को पूर्वान्ह 10:00 बजे महाकवि कोकिल विद्यापति की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के उपरांत भव्य शोभायात्रा से होगी. जिसमें मिथिला की पारंपरिक संस्कृति की छटा बिखेरती झांकियां आकर्षण का केंद्र बनेगी. पारंपरिक परिधान में शोभा यात्रा निकलेगी. शोभा यात्रा प्रभारी विनोद कुमार झा एवं प्रो विजय कांत झा तैयारी को अंतिम रुप देने में लगे हैं. मिथिला की सांस्कृतिक विरासत से जुड़ी झांकियों से सजी यह शोभा यात्रा जीएम रोड से मिथिला विश्वविद्यालय, संस्कृत विश्वविद्यालय, केंद्रीय पुस्तकालय होते हुए श्यामा मंदिर पहुंचेगी, मार्ग में पड़ने वाले मिथिला विभूतियों क्रमशः पंडित सुरेंद्र झा 'सुमन', भोगेन्द्र झा, महाराज महेश ठाकुर, महाराज रमेश्वर सिंह, ललित नारायण मिश्र, डॉ भीमराव अम्बेडकर महाराज कामेश्वर सिंह, बाबा नागार्जुन आदि की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया जाएगा. बताया कि शोभा यात्रा में मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान के अभियानी भी शामिल होंगे. अभियानी अपने हाथ में मिथिलाक्षर में लिखी तख्ती रखेंगे, ताकि आम लोगों को मिथिलाक्षर सीखने के प्रति जागरुक किया जा सके.
प्रथम दिन के संध्याकालीन आयोजन में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के आधार पर चयनित व्यक्तियों को मिथिला विभूति सम्मान से सम्मानित किया जाएगा. तदुपरांत भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा, जिसमें नवोदित कलाकारों से लेकर मैथिली मंच के स्थापित कलाकार अपनी प्रतिभा का जादू बिखेरेंगे.
मौके पर काव्य गोष्ठी प्रभारी कवि गोष्ठी प्रभारी हरिश्चंद्र हरित ने बताया कि आयोजन के दूसरे दिन के मुख्य आकर्षण के केंद्र में रहने वाले कवि सम्मेलन में इस बार भौगोलिक एवं सामाजिक परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए कवियों को आमंत्रित किया जा रहा है. ताकि इस सांस्कृतिक महाकुंभ में साहित्यिक मनोरंजन के साथ विविधता में एकता की अविरल धारा बह सके. राष्ट्रीय संगोष्ठी प्रभारी मणिकांत झा ने बताया कि कोरोना दोसर लहरि केर प्रभाव विषय पर 18 नवंबर को पूर्वान्ह 10:00 बजे से महाविद्यालय के संगोष्ठी कक्ष में सेमिनार का आयोजन किया जाएगा. जिसमें प्रस्तुत होने वाले आलेखों की प्रकाशित पुस्तक का मौके पर विमोचन किया जाएगा। संस्थान के मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा ने बताया कि पं चन्द्रनाथ मिश्र अमर एवं डॉ रामदेव झा सहित हाल फिलहाल में दिवंगत हुए विशिष्ट व्यक्तियों के व्यक्तित्व व कृतित्व से सजे अर्पण के विशेषांक की तैयारी अंतिम चरण में है. आयोजन की सलाहकार समिति के अध्यक्ष सह सांस्कृतिक कार्यक्रम संयोजक पंडित कमलाकांत झा ने बताया कि तीनों दिन आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम दर्शकों के विशेष आकर्षण का केंद्र बनेंगे इसमें नवोदित कलाकारों से लेकर मैथिली मंच के स्थापित कलाकार तक अपनी दमदार प्रस्तुति देंगे. पत्रकार वार्ता में शोभा यात्रा प्रभारी विनोद कुमार झा, स्वागत महासचिव प्रो जीव कांत मिश्र गणेश कुमार झा, दुर्गानंद झा प्रो चंद्र शेखर झा बूढाभाई, आशीष कुमार मणि भूषण राजू, पुरूषोत्तम वत्सआदि ने भी आयोजन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी.
मिथिलाविभूति पर्व समारोह अंतर्गत आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए बिहार सरकार के मंत्री संजय झा, जीवेश मिश्र, डॉ. राम प्रीत पासवान, , केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, पूर्व केंद्रीय मंत्री पद्मश्री डॉ. सीपी ठाकुर एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा, लोकसभा सांसद डॉ. गोपाल जी ठाकुर, डॉ. अशोक कुमार यादव, राज्य सभा सांसद विवेक ठाकुर, नगर विधायक संजय सरावगी, बेनीपुर विधायक डॉ विनय कुमार चौधरी, केवटी विधायक मुरारी मोहन झा, पूर्व विधान पार्षद डॉ. दिलीप कुमार चौधरी, पूर्व विधान पार्षद डॉ. विनोद कुमार चौधरी, मिश्री लाल यादव, दरभंगा नगर निगम की महापौर वैजयंती देवी खेड़िया आदि ने अपनी सहमति प्रदान कर दी है।
रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम में रंजना झा, मैथिली ठाकुर, डा ममता ठाकुर, पूनम मिश्रा, जूली झा, पं कुंज बिहारी मिश्र, राम बाबू झा, माधव राय, ओमप्रकाश सिंह, कन्हैया, अरविंद कुमार. सुरेश पंकज, दुखी राम रसिया, दीपक कुमार झा, नीरज कुमार झा, केदारनाथ कुमर, सुषमा झा, अनुपमा झा आदि की प्रस्तुति आकर्षण के केन्द्र में रहेगी.मिथिला लोक-चित्रकला प्रतियोगिता 2021 के परिमाण की घोषणा 19 नवम्बर को दिन में होगी. पुरस्कार वितरण मुख्य समारोह में इसी दिन किया जाएगा.इस बार मिथिला व्यंजन मेला का भी आयोजन किया जाएगा.