भाई दूज या भैया दूज पर्व को भाई टीका, यम द्वितीया, भ्रातृ द्वितीया आदि नामों से मनाया जाता है। यह पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाता है। यह तिथि दीपावली के दूसरे दिन आती है।
इस बार भाईदूज (भातृ द्वितीया) 06 नवंबर 2021, शनिवार को मनाया जा रहा है।
भाईदूज हेतु तिलक एवं नौतन मूहूर्त -06/11/2021 शनिवार को दिन के 07:55 से 01:22 तक, इसके बाद दिन के 02:46 से 04:06 तक अति उत्तम रहेगा
भाई दूज का महत्व
भाई दूज के दिन ही यमराज अपनी बहन यमुना के घर गए थे, इसके बाद से ही भाई दूज या यम द्वितीया की परंपरा की शुरुआत हुई। भाई दूज के दिन ही भगवान श्री कृष्ण नरकासुर राक्षस का वध करके द्वारिका लौटे थे और तब बहन सुभद्रा ने उन्हें विजयी तिलक लगाकर उका फल, फूल, मिठाई और अनेकों दीये जलाकर स्वागत किया था। साथ ही उनकी दीर्घायु की कामना की थी। इसीलिए इस दिन यम देवता और श्रीकृष्ण की पूजा करने का महत्व है। भाई दूज का पर्व भाई-बहन के पवित्र रिश्ते और स्नेह का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु और सुख समृद्धि की कामना करती है। वहीं भाई शगुन के रूप में बहन को उपहार देता है।
मान्यता है कि इस दिन बहनें आसमान में उड़ती हुई चील देखकर अपने भाईयों की लंबी आयु के लिए जो प्रार्थना करती हैं, वह पूर्ण हो जाती है और साथ ही वह अखंड सौभाग्यवती रहती हैं। इसके साथ ही इस दिन भाई और बहन यमुना नदी में स्नान कर इसके तट पर यम और यमुना का पूजन करते हैं जिससे दोनों ही अकाल मृत्यु से छुटकारा पाकर सुखपूर्वक जीवनयापन करते हैं।