मिथिला हिन्दी न्यूज :- बिहार में सबसे अधिक अपराध भूमि विवाद से जुड़े होते हैं. इससे जुड़े विवादों में ही सबसे अधिक हत्याएं भी होती हैं. ऐसे में प्रदेश में भूमि सुधार एक बड़ी जरूरत है. सीएम नीतीश कुमार के कार्यकाल में इस पर काम भी किए जा रहे हैं और नये सिरे से भूमि सर्वे का काम भी किया जा रहा है। उस आधार पर सभी जमीन मालिक के नाम से नया खतियान ओर नक्सा सरकार की ओर से जारी किया जायेगा. ऐसे में आपको कुछ जरुरी बातो का ध्यान रखना है जिससे आपके साथ किसी तरह का कोई धोखाधड़ी ना हो। जो जमीन सर्वे किया जायेगा उसमे बिहार सरकार की ओर से राजस्व कर्मियों, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, कानूनी सलाहकार और अमीन रहेंगे. सर्वे का काम शिविर लगाकर किया जायेगा। राज्य में वर्तमान में 20 जिलों मुंगेर, पश्चिमी चंपारण, नालंदा, शेखपुरा, मधेपुरा, सुपौल, बेगूसराय, सहरसा, जमुई, कटिहार, लखीसराय, बांका, पूर्णिया, खगड़िया, शिवहर, अररिया, सीतामढ़ी, अरवल, जहानाबाद व किशनगंज में भूमि सर्वेक्षण का कार्य चल रहा है। शेष जिलों में अगले वर्ष सर्वेक्षण शुरू करने की तैयारी की जा रही है। अगले वर्ष नये जिलों में भूमि सर्वेक्षण को लेकर कैंप कार्यालयों की स्थापना, कर्मियों के प्रशिक्षण इत्यादि के कार्य पहले पूरे किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अक्टूबर तक सूबे के 3 जिलों शेखपुरा, सुपौल और बेगूसराय के 40 गांवों में सर्वे का काम पूरा हो जाएगा और वहां के रैयतों को उनके प्लॉट का नया नक्शा और खतियान मिल जाएगा।