पप्पू कुमार पूर्वे
मधुबनी जिले के बेनीपट्टी के युवा पत्रकार बुद्धिनाथ झा उर्फ अविनाश झा की निर्मम हत्या के बाद आज जयनगर के पत्रकारों ने विरोध प्रदर्शन किया। दो मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि सभा के बाद कैंडल मार्च निकाला गया। बिहार में लोकतंत्र के चौथा स्तंभ खतरें में है। पूरे मामले में पुलिस की लापरवाही से लोगों में आक्रोश व्याप्त था।इस श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता हनुमान मोर ने किया।इस श्रद्धांजलि सभा मे वरिष्ठ पत्रकार ललित झा मोहम्मद अली, हनुमान मोर एवं अन्य पत्रकारों ने सरकार से मृतक युवा पत्रकार को शहिद का दर्जा देने, पच्चीस लाख रुपए मुआवजा, पीड़ित परिवार के एक सदस्य को नौकरी, परिवार की सुरक्षा, स्पीडी ट्रायल कर जल्द सजा की मांग की है।इस मौके पर वरिष्ट पत्रकार ललित झा ने वर्तमान समय मे पत्रकार पर हो रहे इस तरह के हमले और प्रशासन की विफलता की घोर निंदा की, साथ ही सभी पत्रकारों को एकजुट होकर इस मामले पर आवाज उठाने की अपील की।वहीं वरिष्ठ पत्रकार मोहम्मद अली ने सरकार को जंगलराज बताया, साथ ही युवा पत्रकार बुद्धिनाथ झा उर्फ अविनाश झा की विभत्स निर्मम हत्या को जघन्य अपराध बताते हुए जल्द से जल्द करवाई की मांग की।वहीं श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार हनुमान मोर ने भी वर्तमान परिस्थितियों में जल्द करवाई की मांग की, तथा पत्रकारों पर हो रहे इस तरह के कुकृत्य की निंदा की, एवं फ़ास्ट ट्रैक कर जल्द से अपराधीयों को सजा देने की बात कही।बता दें कि युवा पत्रकार अविनाश झा बिहार के मधुबनी जिले के बेनीपट्टी का निवासी था। बेनीपट्टी से अविनाश झा 9 नवंबर को गायब हो गए थे। 12 नवंबर की रात को उनका शव वसैठा एनएच के निकट क्षत विक्षत अवस्था में मिला था। जिसमें युवा पत्रकार की हत्या का मामला आग की तरह फ़ैल चुका है। विभिन्न पत्रकार सहित कई संगठनों में गुस्सा उवाल पड़ा। जयनगर के पत्रकारों ने पुलिस प्रशासन की नाकामी और विफलता पर जमकर आलोचना की। इनमें हत्या के प्रति काफी आक्रोश देखा जा रहा था। अब देखना है कि इस मामले का पर्दाफाश कब तक होता है?हालांकि पुलिस प्रयासरत है दोषियों को पकड़ने के लिए, बावजूद इसके अभी तक कत्ल का सही कारण नही पता चल पाया है। वहीं, चर्चा में है की युवा पत्रकार लगातार अवैध नर्सिंग होम के खिलाफ आवाज उठा रहे थे, जिस कारण कई अवैध नर्सिंग होम बंद हो गए थे। एक्शन होने पर इनमें से कईयों पर जुर्माना लगाया गया था। कयास लगाया जा रहा है कि इस वजह से नर्सिंग होम संचालक इन से खफा थे। साथ ही आशंका भी व्यक्त की जा रही है की फर्जी नर्सिंग होम के संचालकों की एक सुनियोजित साजिश के तहत युवा पत्रकार की निर्मम हत्या की गई है। अब देखना है युवा पत्रकार को न्याय मिल पाता है या नहीं?बिहार में कई पत्रकारों की हत्या हो चुकी है। आधे दर्जन पत्रकारों पर हाल ही में जानलेवा हमला हुआ है। वहीं पत्रकारों के साथ हो रही लगातार घटना से रिपोर्टर डरे सहमे सा महसूस कर रहे है। शासन एवं प्रशासन इस मामले में लगभग मौन साधे हुए हैं।इस श्रद्धांजलि सभा में ललित झा, मोहम्मद अली, राघवेन्द्र झा 'बब्लू', हनुमान मोर, शिव कुमार, सुमित कुमार राउत, पप्पू पूर्वे, संतोष शर्मा, अनुराग गुप्ता, मो० गुलाब, सरदार रोशन सिंह मौजूद थे।