मिथिला हिन्दी न्यूज :- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु नानक जयंती के मौके पर बड़ा ऐलान किया और तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया। बीते कई महीनों से जारी किसानों के आंदोलन को देखते हुए सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया। देश के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने किसानों से अब घर लौटने की अपील की और कहा कि इस कानून को खत्म करने प्रक्रिया शीतकालीन सत्र में शुरू हो जाएगी। इसके बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और बयान का दौर शुरू हो गई है
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
(1)भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने प्रतिक्रिया में कहा है कि तत्काल आंदोलन वापस नहीं होगा। राकेश टिकैत ने ट्वीट किया है -आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद किया जाएगा।
(2) राहुल गांधी ने ट्वीट किया देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया। अन्याय के खिलाफ ये जीत मुबारक हो
(3)कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह किसानों की जीत है, जो इतने दिनों से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शन के दौरान 700 से अधिक किसानों की मौत हो गई, किसानों की मुश्किलों की जिम्मेदारी कौन लेगा? इसके लिए केंद्र दोषी है। हम इन मुद्दों को संसद में उठाएंगे।
(4)कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि काला कानून वापस लेना सही दिशा में उठाया गया कदम है।
(5)दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया। केजरीवाल ने कहा कि आज प्रकाश पर्व के दिन कितनी बड़ी खुशखबरी मिली है।
(6)बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सरकार के इस फैसले पर ट्वीट किया। ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, "ये किसानों की जीत है। इस लड़ाई में हिस्सा लेने वाले किसानों को बधाई ।
(7)हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु नानक देव के प्रकाश उत्सव पर तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया है। इस पर सभी सभी किसान संगठनों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार प्रकट करना चाहिए।