अनूप नारायण सिंह
मिथिला हिन्दी न्यूज :- अगर आप इस बार बिहार में पंचायती राज व्यवस्था के तहत मुखिया का चुनाव जीते हैं तो अपनी सुरक्षा चाक-चौबंद कर लीजिए नहीं तो आप की हत्या हो सकती है यह हम नहीं कह रहे यह बिहार के हालात कह रहे हैं जिसके तहत अभी तक 4 नवनिर्वाचित मुखिया की हत्या हो चुकी है.बिहार में पंचायती राज व्यवस्था के तहत चुनाव अपने अंतिम चरण में है इस बार नवनिर्वाचित मुखिया जी के जान पर सबसे ज्यादा खतरा मंडरा रहा है बिहार में इस बार नवनिर्वाचित चार मुखिया समेत दो वार्ड सदस्यों की गोली मारकर अभी तक हत्या की जा चुकी है यह हत्या चुनावी रंजिश के कारण हुई है बिहार में मुखिया पद के लिए सबसे ज्यादा मारामारी है लोग किसी भी कीमत पर मुखिया बनना चाह रहे हैं चुनाव हारने वाले प्रत्याशी अपने हार को पचा नहीं पा रहे हैं और जीते हुए मुखिया प्रत्याशियों पर जान का खतरा बना हुआ है बिहार के आरा जिले के चार पोखरी थाने के बाबू बांध पंचायत के मुखिया संजय सिंह इस बार मारे जाने वाले बिहार के पहले नवनिर्वाचित मुखिया हैं जिनकी हत्या उन्हीं के पंचायत में पंचायती कराने जाते वक्त अपराधियों ने गोली मारकर कर दी दूसरी मुखिया जिनकी बिहार में इस बार हत्या हुई है वह जमुई जिले के दरखा पंचायत के मुखिया जयप्रकाश महतो हैं जिन्होंने काफी कम अंतर से अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को हराया था और उनके ऊपर उसी प्रत्याशी ने जानलेवा हमला किया और उनकी मौत हो गई तीसरे मुखिया जिनकी हत्या हुई है वह पूर्वी पंडारक से नवनिर्वाचित मुखिया गोरेलाल है जिनकी हत्या 3 दिन पहले एक शादी समारोह में कर दी गई अपराधियों का हौसला देखिए कि मुखिया गोरेलाल के साथ ही पंडारक के एएसआई और एक वार्ड सदस्य जो शादी समारोह में मौजूद थे उन्हें भी गोलियों से भून दिया गया पंडारक पटना जिले के बाढ़ अनुमंडल में आता है चौथे मुखिया जिनकी हत्या 13 दिसंबर को की गई है उनका नाम है नीरज कुमार है जो पटना जिले के जानीपुर थाना अंतर्गत रामपुर फरीद पंचायत के मुखिया थे नीरज कुमार लगातार दूसरी बार इस बार मुखिया बने थे नीरज कुमार की हत्या के 2 दिन पहले नौबतपुर थाना के लोदीपुर वार्ड नंबर 9 से नवनिर्वाचित वार्ड सदस्य संजय वर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बिहार में नवनिर्वाचित मुखिया काफी डरे हुए हैं हर एक पंचायत का यही हाल है जो चुनाव हारा है वह गुस्से में है और जो चुनाव जीते हुए हैं वो खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।राज्य सरकार नव निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को सुरक्षा देने में असमर्थ है राज्य सरकार के तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि जहां-जहां हत्या हुई है वहां पर दोषियों के खिलाफ अविलंब कार्रवाई की जा रही है नामजद अभियुक्तों की धरपकड़ के लिए छापेमारी की जा रही है लेकिन जिस तरह से इस बार नवनिर्वाचित 4 मुखिया और 2 वार्ड सदस्यों की गोली मारकर हत्या की गई है इससे लगता है कि आने वाले दिनों में बिहार के पंचायत प्रतिनिधि सुरक्षित नहीं है तथा उनकी सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार भी गंभीर नहीं है।