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राज्यसभा सांसद किंग महेंद्र का निधन

अनूप नारायण सिंह 
मिथिला हिन्दी न्यूज :- जदयू के राज्यसभा सांसद किंग महेंद्र का निधन हो गया है। बताया गया कि  लंबे समय से बीमार होने के कारण पिछले दिनों उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था। अभी उनका राज्यसभा में 2 साल का कार्यकाल बचा हुआ था।जदयू से राज्यसभा सांसद किंग महेंद्र प्रसाद सबसे पहले कांग्रेस से जुड़े थे। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल जॉइन किया और फिर उसके टिकट से भी राज्यसभा में दस्तक दी थी। फिर, बिहार में जब राजद की सत्ता चली गई तो महेंद्र प्रसाद ने जनता दल यूनाइटेड का दामन थाम लिया।1980 में जहानाबाद से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव जीतकर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले किंग महेन्द्र ने समय-समय पर अपनी राजनीतिक रसूख का परिचय दिया है. 1984 में जब वो चुनाव हार गये.इसके बाद जनता को किंग महेंद्र की पहुंच और ताक़त का एहसास तब हुआ,जब वह राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा के लिए नॉमिनेट कर लिये गये.इसके बाद चाहे लालू प्रसाद की सरकार रही हो या नीतीश कुमार की,किंग महेंद्र राज्यसभा के लिए चुने जाते रहे।
बिहार के जहानाबाद के गोविंदपुर गांव के रहने वाले हैं महेंद्र प्रसाद सिंह,जो किंग महेंद्र के नाम से भी जाने जाते थे,का कारोबार कई देशों में फैला हुआ है.वह एक साल के भीतर 84 देशों का भ्रमण करने वाले व्यक्ति रहे हैं.
अमीर सांसदों में थे जहानाबाद के किंग महेंद्र

राज्यसभा सांसद किंग महेंद्र का आज 81 साल की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन से न सिर्फ एक सफल राजनेता का अंत हो गया। बल्कि बिहार के लिए भी यह बहुत बड़ी क्षति है। किंग महेंद्र एक सफल उद्यमी थे। विशेष बात यह है कि उन्होंने अपनी मेहनत से एक बड़ा साम्राज्य खड़ा किया, जो हर किसी के लिए प्रेरित करनेवाली है। 1940 में जहानाबाद जिले के गोविंदपुर गांव में हुआ था। उनके पिता वासुदेव सिंह किसान थे। बेहद गरीबी में जीवन गुजारनेवाले किंग महेंद्र एक कामयाब बिजनेसमैन रहे हैं। इसके अलावा चार दशक से भी ज्यादा समय से वह राजनीति से भी जुड़े रहे। आज उनकी गिनती देश के सबसे अमीर सांसदों में की जाती थी।
*देश की सबसे बड़ी दवा कंपनी*
घर की मुश्किल हालत के बीच किंग महेंद्र पिता वासुदेव और छोटे भाई के साथ छोटी उम्र में बड़ा सपना लेकर मुंबई चले थे। बताते हैं कि कड़ी मेहनत कर साल 1971 में उन्होंने अपनी खुद की मेहनत से एक दवा फैक्ट्री की नींव रखी थी। जो आगे चलकर देश के सबसे बड़ी दवा कंपनी अरिस्टो फार्मास्यूटिकल के रूप में बदल चुकी थी।  उनकी मैप्रा लेबोरेटरीज प्राइवेट लिमिटेड और अरिस्टो फार्मास्यूटिकल कंपनी के मालिक किंग महेंद्र के पास 4000 हजार करोड़ की चल और 2910 करोड़ की अचल संपत्ति है। आज अरिस्टो फार्मास्यूटिकल देश की 20 टॉप टेन दवा कंपनियों में शामिल है।

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