-मातृ एवं शिशु मृत्यु की सही तरीके से हो रिपोर्टिंग
-मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने में आशा कार्यकर्ताओं का अहम योगदान
-बच्चे को सुरक्षित रखना है तो मां को सुरक्षित रखें
मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है। इसी कड़ी में बीबी कॉलेजिएट के सभागार में केयर इंडिया के सहयोग से सोमवार को एमडीएसआर (मेटरनल डेथ सर्विलांस एंड रिस्पांस) प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता करते हुए सिविल सर्जन डॉ बिनय कुमार शर्मा ने कहा कि अगर मातृ एवं शिशु मृत्यु के सही कारण की रिपोर्टिंग ग्राम के स्तर से सही तरीके से हो तो मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को लगभग रोका जा सकता है। इस मौके पर केयर इंडिया के प्रशिक्षक डॉ शकील जाधव ने मातृ एवं शिशु मृत्यु दर के कारणों पर बारीकी से चर्चा करते हुए कहा कि यदि गर्भावस्था के दौरान ही सही देखभाल की जाए तो मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है। डॉ शकील ने प्रशिक्षण में भाग लेने आए सभी स्वास्थ्य कर्मियों से गर्भवती महिला को गर्भावस्था से लेकर प्रसव के दौरान होने वाली परेशानियों की सही समय पर पहचान के महत्व पर चर्चा करते हुए इसे मातृ मृत्यु दर का एक प्रमुख कारण बताया। उन्होंने बताया कि आवश्यक होने पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर 104 पर काल करने से भी ससमय एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध हो जाएगी।
एएनसी से मां एवं बच्चे दोनों को लाभ मिलेगा।
सामुदायिक स्तर पर जागरूकता फैला कर कई जिंदगियों को बचाया जा सकता है। वहीं समय पर प्रसव पूर्व तैयारी कर प्रसव के दौरान होने वाली मृत्यु को टाला जा सकता है। इसके लिए आशा कार्यकर्ताओं को गर्भवती महिला एवं परिवार को संस्थागत प्रसव कराने पर जोर देना चाहिए। प्रशिक्षण सह कार्यशाला में भाग ले रहे सभी स्वास्थ्य कर्मियों को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन डॉ विनय कुमार शर्मा ने कहा कि किसी भी स्थिति में मातृ एवं शिशु मृत्यु से संबंधित आंकड़े ससमय अपडेट होने चाहिए। उन्होंने कहा सभी आंकड़े जल्द से जल्द पोर्टल पर अपलोड करें।
प्रशिक्षण में सिविल सर्जन डॉ विनय कुमार शर्मा, डीपीएम बी पी वर्मा, जिला मूल्यांकन एवम अनुश्रवण पदाधिकारी जयशंकर प्रसाद, डीसीएम राजकिरण, केयर के प्रशिक्षक डॉ शकील जाधव, निपी से डॉ कृतिका एवं सभी सीएचसी / पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के साथ साथ प्रमुख निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
-वर्तमान स्थिति
देश में मातृ मृत्यु दर :- 113/लाख
राज्य में मातृ मृत्यु दर:- 170/लाख
लक्ष्य:- कम से कम 80/लाख (2030 तक)