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बिहार में 2 दिनों तक भीषण शीतलहर के आसार, जानें कब से बारिश देगी दस्तक

गिरने लगा बिहार का पारा, कड़ाके की ठंड के बीच ‘कोल्ड डे’ का अलर्ट

संवाद

मिथिला हिन्दी न्यूज :- बिहार में सर्दी का सितम लगातार जारी है. ऐसे में लगातार बह रही पछुआ हवा से ठंड में ठिठुरन बढ़ गई है और अब हाड़ कंपकंपा देने वाली ठंड से लोगों का जीना मुहाल हो गया है. राजधानी पटना के साथ-साथ तकरीबन सभी जिलों का यही हाल है. लोग घरों में ही दुबके हुए हैं, सड़कों पर सन्नाटा पसरा है.

पिछले 24 घंटे में उत्तर बिहार के तापमान में 6.5 डिग्री की बड़ी गिरावट रिकॉर्ड दर्ज की गई है. जिससे एक बार फिर प्रदेश में शीतलहर की स्थिति बन गई है. मौसम विभाग ने गुरुवार और शुक्रवार को अलग-अलग स्थानों पर हल्की बारिश की संभावना भी जताई है. मंगलवार को पटना ,दरभंगा, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, गया, सारन और पूर्वी चंपारण में कॉल डे घोषित कर दिया गया है। आईएमडी के मुताबिक अगले दो दिनों तक अभी बर्फीली हवाओं से राहत नहीं मिलेगी केवल रात में ही तापमान में राहत मिल सकती है, एक बार फिर से सूबे के कुछ इलाकों में बारिश हो सकती है. गुरुवार और शुक्रवार को अलग-अलग स्थानों पर हल्की बारिश की संभावना है. इस बीच पटना, गया, रोहतास, कैमूर, मुजफ्परपूर, समेत कई जिलों में कोहरे की वजह से विजिबिलिटी पर असर पड़ा है. मौसम में इस बदलाव के लिए पश्चिमी विक्षोभ को जिम्मेदार ठहराया गया है, जिसके मंगलवार रात से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित करने की संभावना है.

पटना स्थित मौसम विज्ञान केंद्र ने मंगलवार को अलग-अलग जगहों पर कोल्ड डे की चेतावनी जारी की है. मौसम विभाग अनुसार पश्चिम और दक्षिण-मध्य बिहार में अलग-अलग जगहों पर कोल्ड डे जैसे हालात बनने की संभावना है. कोल्ड डे की स्थिति तब घोषित की जाती है जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम हो जाता है और लगातार दो दिनों में अधिकतम तापमान में 4.5-6.4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होती है.

वहीं, बिहार के दरभंगा, समस्तीपुर, मधुबनी, सीतामढ़ी में भी लगातार बह रही पछुआ हवा से ठंड बढ़ गई है. लोग जैसे-तैसे अपने घरों में ही दुबके पड़े हैं. जिन्हें ज्यादा जरूरी है, वही काम से बाहर निकल रहे हैं. मजदूर वर्ग के लोग ठंड से बचने के लिए इधर-उधर से अलाव की व्यवस्था कर ठंड से बचने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि कई जगह पर सरकारी अलाव की व्यवस्था भी की जा रही है, लेकिन स्थानीय लोगों की मानें तो सरकार अलाव के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रही है.

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