मिथिला हिन्दी न्यूज :- बिहार में होने जा रहा मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव दलगत आधार पर नहीं होगा. यानी उम्मीदवार किसी भी राजनीतिक पार्टी के सिंबल से चुनावी मैदान में नहीं उतर सकेंगे. अगर कोई उम्मीदवार किसी भी पार्टी का नाम और झंडे की आड़ में चुनाव प्रचार करता है तो उसके खिलाफ भारी कार्रवाई की जाएगी।अब वार्ड पार्षदों के बहुमत के बदले मेयर व डिप्टी मेयर का चुनाव सीधे जनता ही करेगी. प्रदेश के 263 शहर की सरकार के मुखिया के चुनाव को लेकर अब तैयारी तेज होने लगी है. नगर पंचायत के मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद, नगर परिषद के सभापति व उप सभापति का भी चुनाव अब जनता ही करेगी। मौजूदा समय में देश के कई राज्यों में यही प्रणाली लागू है. लेकिन दक्षिण भारत के राज्यों की जनता सीधे तौर पर महापौर उपमहापौर का निर्वाचन करती है. बिहार में नगर विकास एवं आवास विभाग ने जो प्रस्ताव तैयार किया है उस पर कैबिनेट और राज्यपाल की मुहर लग चुकी है. अब कानून में संशोधन को मूर्त रूप देने के लिए सरकार अध्यादेश लाने जा रही है. दरअसल विधानमंडल का सत्र मार्च में प्रस्तावित है ऐसी स्थिति में बिहार सरकार दो महीने का इंतजार नहीं करना चाहती. कानून में संशोधन के लिए अध्यादेश लाने का फैसला लिया गया है।