मिथिला हिन्दी न्यूज :- भारत आज अपना 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। हर साल जनवरी की 26 तारीख को देश में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर देशवासियों का हर्षोल्लास देखने लायक होता है। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक पूरा भारत एक रंग में रंगा नजर आता है। हमारे इस गौरवशाली गणतंत्र का भी एक इतिहास है।
जानिए क्यों मनाया जाता है गणतंत्र दिवस
गणतंत्र दिवस हर भारतीय के लिए बहुत मायने रखता है। भारत के लिए गणतंत्र दिवस केवल एक पर्व नहीं बल्कि गौरव और सम्मान है, ये दिवस हर भारतीय का अभिमान है, ना जाने कितने लोगों की कुर्बानी के कारण भारत मां को आजादी मिली थी लेकिन उस स्वतंत्रता को आकार 26 जनवरी को मिला था, क्योंकि इसी दिन हमारा संविधान लागू हुआ था।
भारत इसी दिन पूर्ण गणतंत्र देश बना। भारत का संविधान लिखित सबसे बङा संविधान है। संविधान निर्माण की प्रक्रिया में 2 वर्ष, 11 महिना, 18 दिन लगे थे। 395 अनुच्छेदों और 8 अनुसूचियों के साथ भारतीय संविधान दुनिया में सबसे बड़ा लिखित संविधान है।
भारतीय संविधान के वास्तुकार डॉ.भीमराव अम्बेडकर प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे। भारतीय संविधान के निर्माताओं ने विश्व के अनेक संविधानों के अच्छे लक्षणों को अपने संविधान में आत्मसात करने का प्रयास किया है। इस दिन भारत एक सम्पूर्ण गणतांत्रिक देश बन गया था। देश को गौरवशाली गणतंत्र राष्ट्र बनाने में जिन देशभक्तों ने अपना बलिदान दिया उन्हें 26 जनवरी के दिन याद किया जाता और उन्हें श्रद्धाजंलि दी जाती है।
ऐसे होती है परेड
परेड प्रारंभ करते हुए प्रधानमंत्री अमर जवान ज्योति (सैनिकों के लिए एक स्मारक) जो राजपथ के एक छोर पर इंडिया गेट पर स्थित है पर पुष्प माला डालते हैं. इसके बाद शहीद सैनिकों की स्मृति में दो मिनट मौन रखा जाता है. इसके बाद प्रधानमंत्री, अन्य व्यक्तियों के साथ राजपथ पर स्थित मंच तक आते हैं, राष्ट्रपति बाद में अवसर के मुख्य अतिथि के साथ आते हैं. परेड में विभिन्न राज्यों की प्रदर्शनी भी होती हैं, प्रदर्शनी में हर राज्य के लोगों की विशेषता, उनके लोक गीत व कला का दृश्यचित्र प्रस्तुत किया जाता है.