अनूप नारायण सिंह
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के समय ललन सिंह गुट ने चकाई से जदयू के जिताऊ उम्मीदवार सुमित सिंह का टिकट कटवा कर राजद से पलायन कर जदयू में आए एमएलसी संजय प्रसाद को टिकट थमा दिया था पूरी लाबी संजय प्रसाद के लिए लगी हुई थी पर इस सीट से निर्दलीय सुमित कुमार सिंह चुनाव जीतने में सफल हुए और संजय प्रसाद तीसरे स्थान पर चले गए। विधानसभा चुनाव के बाद परिस्थितियां ऐसी बनी कि अल्पमत वाली नीतीश सरकार को निर्दलीय सुमित कुमार सिंह का समर्थन लेना पड़ा और इसके एवज में उन्हें मंत्रिमंडल में स्थान दे देना पड़ा। पार्टी द्वारा टिकट काटे जाने के बावजूद सुमित कुमार सिंह ने अपने चुनाव प्रचार में कभी भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए कोई आपत्तिजनक बात नहीं कही चुनाव जीत कर आने के बाद से ही सुमित कुमार सिंह लखीसराय शेखपुरा मुंगेर और जमुई स्थानीय प्राधिकार के लिए अपनी पत्नी सपना सिंह के चुनावी तैयारी में लगे हुए थे पंचायत चुनाव के बाद नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों के बीच लगातार उनका कार्यक्रम जारी रहा। सुमित कुमार सिंह ने अपनी पत्नी सपना सिंह के लिए जदयू से टिकट की भी डिमांड नहीं की हैं उनकी तैयारी निर्दलीय ही चल रही है इस बीच सूत्रों से खबर आई कि जदयू सपना सिंह को इस सीट से उम्मीदवार बना सकता है पर इस बात पर भी मंत्री सुमित कुमार सिंह की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्थानीय पॉलिटिक्स को देखते हुए इस सीट से सपना सिंह को उम्मीदवार बनाना चाहते हैं जबकि ललन सिंह किसी भी कीमत पर सुमित कुमार सिंह के कद को बढ़ने नहीं देना चाहते है। हाल ही में एक न्यूज़ एजेंसी के द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में 70 फ़ीसदी पंचायत प्रतिनिधियों ने मंत्री सुमित कुमार सिंह की पत्नी सपना सिंह के पक्ष में अपना मत दिया उनका कहना था कि सुमित कुमार सिंह युवा है सभी जाति सभी वर्गों में लोकप्रिय हैं सब का सम्मान करते हैं इस कारण से उनकी पत्नी चुनाव लड़ती है तो वह अपनी प्रथम वरीयता मत उन्हें ही देंगे उन्हें यह फर्क नहीं पड़ता कि सपना सिंह एनडीए की उम्मीदवार है कि निर्दलीय उम्मीदवार। सूत्रों की माने तो सुमित कुमार सिंह की पत्नी सपना सिंह का पूरा चुनावी अभियान निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर ही चल रहा है तथा किसी भी कीमत पर सपना सिंह चुनाव लड़ेंगी यह भी स्पष्ट है। लखीसराय शेखपुरा मुंगेर और जमुई में पंचायत स्तर पर सुमित सिंह के कार्यकर्ता पंचायत प्रतिनिधियों को एकजुट करने में लगे हुए हैं। दो दिनों में एनडीए की फाइनल सूची जारी होने वाली है उसके बाद सपना सिंह का चुनाव प्रचार अभियान और तेज होगा।