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सारण के सियासी समीकरण में एमएलसी चुनाव में एनडीए पर भारी पड़ सकता है महागठबंधन

अनूप नारायण सिंह 
पटना।पंचायत प्रतिनिधियों के द्वारा चुने जाने वाले विधान परिषद सीट से सारण में राजद के द्वारा सुधांशु रंजन को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद चुनावी गणित पूरी तरह से उलट गया है चुनाव पूर्व किए गए सर्वेक्षण में 70 फ़ीसदी नव निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों सुधांशु रंजन के पक्ष में जबकि 10 फ़ीसदी प्रतिनिधि निवर्तमान विधान पार्षद सच्चिदानंद राय को दुबारा विधान पार्षद देखने देखना चाहते हैं 20 फ़ीसदी पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि वे अंतिम समय पर निर्णय लेंगे। नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधि मानते हैं कि सच्चिदानंद राय व्यापारी टाइप के राजनेता है चुनाव जीतने के बाद कभी क्षेत्र में नजर नहीं आते हैं सिर्फ दिल्ली और पटना में ही अपना चेहरा चमका के रहते हैं कभी भी सारण के पंचायतों में उनकी गतिविधि नहीं दिखी है दलालों और माफियाओं के माध्यम से अपनी विकास योजनाओं की राशि का बंदरबांट किए हैं जिसका खामियाजा उन्हें इस बार के चुनाव में उठाना पड़ सकता है जबकि सुधांशु रंजन बिना कोई प्रतिनिधि रहे एक आम राजद कार्यकर्ता के तौर पर पूरे जिले के पंचायत प्रतिनिधियों के सुख-दुख के भागी रहे हैं सभी से उनके मधुर संबंध है। 

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