मिथिला हिन्दी न्यूज :- कोरोना के तीसरी लहर के बावजूद आर्थिक प्रतिकूलता के साथ-साथ जीरो के बीच समानता भी बिहार की अर्थव्यवस्था का हिस्सा है। इस असमानता के प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद भी है। साल 2019 से लेकर 20 तक सबसे अधिक प्रति व्यक्ति का सफल जिला घरेलू उत्पाद में पटना पाया गया है सबसे कम सकल घरेलू उत्पाद में शिवहर जिले पाया गया है। उत्तर बिहार दक्षिण बिहार और संपूर्ण बिहार में दो-दो सबसे संपन्न और गरीब जिलों की पहचान की गई है संपूर्ण बिहार के दो संपन्न जिले में पटना और बेगूसराय हैं। गरीबी की बात करें तो दो जिला सबसे गरीब ही पाए गए हैं अररिया और शिवहर। बिहार के आर्थिक सर्वेक्षण में बिहार के जिलों के बीच आर्थिक असमानता की तरह शहरीकरण में भी जिला काफी असमानता है। साल 2019 और 20 के आंकड़ों के मुताबिक प्रति व्यक्ति की आय के मामले में पटना जिला 131.1 हजार रुपए के साथ सबसे ऊपर है। बेगूसराय दूसरे नंबर पर प्रति व्यक्ति आय का 51 हजार रुपए से करीब ढाई गुना अधिक है। तीसरे जिला में मुंगेर जिला का प्रति व्यक्ति 44 हजार है । चौथे नंबर पर भागलपुर प्रति व्यक्ति 41 हजार पांचवें नंबर पर रोहतास जिसके प्रति व्यक्ति आय 35 हजार छठे नंबर पर मुजफ्फरपुर जिसके प्रति व्यक्ति आय ₹34 हजार में सातवें नंबर पर औरंगाबाद जिसके प्रति व्यक्ति आय 32 हजार आठवें नंबर पर गया जिला है किसके प्रति व्यक्ति आय 31.9 हजार नौवें नंबर पर भोजपुर उसे प्रति व्यक्ति आय 31.6 हजार दसवें नंबर पर वैशाली जिसके प्रति व्यक्ति आय 30 हजार है वही आपको बता दें। सबसे काम आई वाले जिलों में शिवहर पहले स्थान पर हैं जिसका प्रति व्यक्ति आय 19 हजार है। अररिया दूसरे स्थान पर जिसके प्रति आई 20 हजार हैं तीसरे स्थान पर है सीतामढ़ी है इसके प्रति व्यक्ति आय 22 हजार है।