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विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद भी लोगों की नजर में क्षेत्र के तारणहार बने राणा प्रताप सिंह

अनूप नारायण सिंह 
छपरा जिले और महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले माझी विधानसभा क्षेत्र में विधानसभा का चुनाव बीतने के बाद जहां अन्य प्रत्याशी गायब हो चुके हैं वहीं निर्दलीय ताल ठोक का दूसरे स्थान पर पहुंचने वाले राणा प्रताप सिंह उर्फ डबलू सिंह लोगों के सुख-दुख के भागी बने हुए है कोरोनाकाल से अभी तक लोगों की सेवा में लगे हुए हैं माझी के गांव-गांव तक में इन्होंने अपने युथ कमेटियों का गठन कर लिया है राणा प्रताप कहते हैं कि चुनाव हारना और जीतना अलग बात है अगर उन्होंने 40000 लोगों का समर्थन लिया है तो वे उनके कर्जदार है और उन्हें बीच मझधार में छोड़कर नहीं जा सकते वह कहते हैं कि माझी की लड़ाई सत्य और असत्य की लड़ाई है जो चुनाव जीते हैं उन्हें क्षेत्र से मतलब नहीं और जो हार गए हैं वह गायब हो गए हैं वे निर्दलीय दूसरे स्थान तक पहुंचे हैं क्षेत्र की जनता का उनके ऊपर विश्वास है क्षेत्र के लोग उसे सीधे कनेक्ट है और वे उनके विश्वास को नहीं तोड़ना चाहते वे लगातार माझी में ही रहते हैं किसी के भी दुख दर्द में 
में मरहम बनने का काम करते हैं जो भी सहायता जहां भी हो सकती है उसे करते हैं युवाओं पर उन्हें पूरा भरोसा है गांव गांव में युवाओं की कमेटी बनी हुई है जहां कहीं कोई अन्याय होता है सीधे पहुंच जाते हैं अहिंसात्मक तरीके से धरना प्रदर्शन करते हैं पदाधिकारियों को वादे करते हैं कि लोगों की बातों को सुने। एक सवाल के जवाब में राणा प्रताप सिंह ने कहा कि जो मौजूदा विधायक हैं उनका दिन अब गिना चुना रह गया है कई अपराधिक मामलों में और चुनाव आयोग के शपथ पत्र में उन्होंने वह सब साक्षी छुपाए हैं जिसको लेकर उन्हें न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है और बिहार राज्य निर्वाचन आयोग तक मामले को पहुंचाया है। माझी का विकास चाहने वाली जनता का उन पर भरोसा है तो वह भी माझी के साथ कभी विश्वासघात नहीं करेंगे उन्होंने कहा कि भले में चुनाव हार गए हैं पर हौसला नहीं हारे हैं और उनका हौसला मांझी की महान जनता है।

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