बिहार के लोग सच में प्रतिभाओं के खान होते हैं ठान लेते हैं तो पहाड़ का सीना भी चीर देते हैं फिलहाल पहाड़ का सीना चीरने के कारण नहीं 3 धुर जमीन में पांच मंजिला मकान खड़ा कर देने के कारण मुज़फ़्फ़रपुर कि इस घटना की चर्चा हो रही है।दिल्ली के बुराड़ी इलाके में 6 गज में बने मकान की खबरें आपने खूब देखी और पढ़ी होंगी. बिहार के मुजफ्फरपुर में भी ऐसा ही एक नायाब और अजूबा घर है. जी हां, सिविल इंजीनियरिंग का कमाल कहें या क्रिएटिविटी, मुजफ्फरपुर के गन्नीपुर में सड़क किनारे बना पांच मंजिला मकान लोगों के आकर्षण का बड़ा केंद्र है. सड़क से गुजरने वाला हर राहगीर महज 6 फुट जमीन में बने इस अजूबे मकान को देखे बिना नहीं बढ़ता. दरअसल मकान की बनावट सभी को एक नजर देखने के लिए मजबूर करती है. खास बात यह है कि 5 मंजिल का यह मकान महज 5 फीट चौड़ी जगह में खड़ा कर दिया गया है.पांच मंजिल की इस इमारत के आगे के आधे हिस्से में सीढ़ियों बनी हैं, जबकि दूसरे हिस्से में घर बना हुआ है. मकान का आधा हिस्सा जो करीब 20 फीट लंबाई और 5 फीट चौड़ाई वाला है, उसमें एक कमरे का फ्लैट बनाया गया है जिसमें शौचालय से लेकर किचन तक मौजूद है. किचन और शौचालय का आकार ढाई गुना बनाम साढ़े तीन फुट है. कमरे की लंबाई 11 फीट और चौड़ाई 5 फीट है. कुल मिलाकर एक बैचलर के लिए ऊपर के चार फ्लैट तैयार किए गए हैं. जबकि इसके निचले फ्लोर को हॉलनुमा आकार देकर ऊपर जाने के लिए सीढ़ियां बनाई गई हैं.दरअसल, संतोष और अर्चना ने शादी के बाद 6 फीट चौड़ा और 45 फीट लंबा यह भूखंड खरीदा था. लेकिन जमीन की चौड़ाई महज 6 फीट रहने के कारण कई वर्षों तक उन्होंने इसपर कोई निर्माण नहीं करवाया. लोगों ने उन्हें जमीन बेचने की भी सलाह दी, लेकिन शादी की यादगार वाली इस भूखंड पर दोनों ने मकान बनाने की ठानी और खुद मकान का नक्शा लेकर निगम के इंजीनियर के पास गए और नक्शा पास करवाया.वर्ष 2012 में नक्शा पास होने के बाद 2015 में यह भवन बनकर तैयार हुआ. मकान बनने पर लोग इसे मुजफ्फरपुर का एफिल टावर तो कई लोग इसे अजूबा घर कहने लगे. वर्ष 2012 में नक्शा पास होने के बाद 2015 में यह भवन बनकर तैयार हुआ. मकान बनने पर लोग इसे मुजफ्फरपुर का एफिल टावर तो कई लोग इसे अजूबा घर कहने लगे.