अपराध के खबरें

जानिए बिहार की राजनीति के अभिमन्यु क्यों है सुमित कुमार सिंह

अनूप नारायण सिंह 

मिथिला हिन्दी न्यूज पटना।मैं सुमित कुमार सिंह ईश्वर की शपथ लेता हूं कि विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के.......आज से 1 वर्ष पूर्व बिहार के नीतीश सरकार में मंत्री पद की शपथ लेते हुए बिहार के इकलौते निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह ने यह शपथ ली थी जिस पर वह पूरी तरह खड़े उतरे है।मौजूदा बिहार विधानसभा में एकमात्र स्वतंत्र विधायक सुमित कुमार सिंह को नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री के रूप में आज एक वर्ष का कार्यकाल पूरा हुआ है। सुमित कुमार सिंह वर्ष 2010 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट पर पहली बार चकाई से विधायक बने थे तथा नीतीश सरकार को समर्थन किया था 2015 के चुनाव में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया वह निर्दलीय मैदान में उतरे और काफी कम अंतर से चुनाव हार गए चुनाव हारने के बाद भी उन्होंने जदयू के प्रति अपनी निष्ठा बनाए रखी पूरे 5 साल क्षेत्र में सक्रिय रहे लोगों से मिलते जुलते रहे वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव के समय जदयू ने उनका टिकट काट दिया।सुमित सिंह कई मोर्चों पर लड़ाई लड़ रहे थे एक तरफ जदयू का संगठन खड़ा करने के लिए जमुई के मौजूदा सांसद लोजपा युवराज चिराग पासवान के साथ उनका और उनके परिवार का छत्तीस का आंकड़ा बना रहा वहीं दूसरी तरफ राजद के निशाने पर भी सुमित सिंह व उनका परिवार रहा। विधानसभा चुनाव के समय अंतिम वक्त में उनकी जगह राजद से पलायन कर जदयू में आए सुनील प्रसाद को जदयू ने सिंबल थमा दिया।फिर भी सुमित सिंह ने जदयू व नीतीश कुमार के खिलाफ एक शब्द तक मुंह से नहीं निकाला ।उन्होंने पूरी जमुई जिले में जदयू की मजबूत टीम खड़ी की थी राज्य सरकार के विकास कार्यो की जानकारी लोगों को घर-घर तक पहुंचाया था उन्हें पूरा विश्वास था कि उनके जदयू अपना टिकट देगी पर अंतिम समय में वे राजनीति के शिकार हो गए उन्होंने निर्दलीय चकाई की जनता से न्याय मांगा पूरे चुनाव के दौरान उन्होंने कभी भी किसी भी दलीय व्यक्ति के लिए किसी भी तरह के कटुता पूर्ण शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जो लोग आज सुमित सिंह की उपलब्धि को विरासत की राजनीति मान रहे हैं उन्हें जानना जरूरी है कि सुमित सिंह के परिवार में कई पीढ़ियों से राजनीति में लोग आ रहे हैं उनके पिता नरेंद्र सिंह बिहार के राजनीति के वटवृक्ष है राज्य के स्वास्थ्य मंत्री व कृषि मंत्री रह चुके हैं धारा के विपरीत राजनीति उन्हें पसंद है सुमित सिंह के बड़े भाई दिवंगत अभय सिंह चकाई से विधायक रह चुके हैं उनके बड़े भाई अजय प्रताप जमुई से भाजपा विधायक रह चुके हैं इतना कुछ होने के बावजूद सुमित सिंह को पटना में दिल्ली की आबो हवा नहीं भाति उन्हें चकाई के ग्रामीण इलाकों में लोगों के बीच रहना लोगों के दुख दर्द में सहभागी रहना ही भाता है यही कारण है कि तमाम विकट परिस्थितियों के बावजूद बिहार विधानसभा चुनावी महाभारत में अभिमन्यु की तरह उन्होंने चक्रव्यूह भेद कर निर्दलीय चुनाव जीतने में सफलता पाई।विधानसभा चुनाव में सुमित कुमार सिंह चकाई में वहां की राजद विधायक के साथ ही साथ जदयू लोजपा और झारखंड मुक्ति मोर्चा के सशक्त उम्मीदवारों से एक साथ लड़ाई लड़ रहे थे।सुमित कुमार सिंह को चकाई के रण में घेरने के लिए सभी विरोधी जी तोड़ मेहनत कर रहे थे पर सुमित कुमार सिंह को सिर्फ और सिर्फ चकाई के लोगों पर भरोसा था वे दिन-रात लोगों के बीच रहे।उपलब्धि यह है कि मौजूदा बिहार विधानसभा चुनाव में एकलौते निर्दलीय विधायक हैं नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए सरकार को बिना शर्त समर्थन दिया है। मंत्री पद का शपथ लेने के बाद सुमित कुमार सिंह ने साफ कर दिया था कि वे जमुई चकाई सोनो के जनता को या मंत्री पद समर्पित करते हैं वहां के लोग उनके मालिक हैं नीतीश कुमार उनके अभिभावक है जनतंत्र में जनता ही मालिक होती है और जनता ने उन पर विश्वास जताया है जब वे इस सरकार का समर्थन करने जा रहे थे तो उन्होंने अपने क्षेत्र में चौपाल लगाकर लोगों से राय मांगी लोगों ने कहा कि आप सदैव नीतीश कुमार के साथ रहे हैं इसलिए आपको जदयू का समर्थन करना चाहिए वह पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ अपने पद की गरिमा को कायम रखेंगे।उन्हे जो जिम्मेवारी मिली है उसे वह सेवा करने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम मानते हैं। पिता नरेंद्र सिंह जी के आदर्शों को कायम रखने के लिए वे सदैव तत्पर रहेंगे। अपने एक वर्ष के कार्यकाल के दौरान सुमित कुमार सिंह ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री के रूप में कई उल्लेखनीय कार्य किए साथ ही साथ अपने विधानसभा क्षेत्र चकाई के विकास के लिए जिन योजनाओं की शुरुआत किया था उसे रिकॉर्ड समय में पूरा भी करवाया। नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क बिजली पानी स्वास्थ्य शिक्षा जैसी बुनियादी चीजों को ले जाने में सफल हुए। सुमित कुमार सिंह की लोकप्रियता और स्वच्छ छवि को देखते हुए उनकी धर्मपत्नी सपना सिंह को लखीसराय शेखपुरा मुंगेर जमुई स्थानीय निकाय से जदयू ने विधान परिषद सीट का उम्मीदवार भी बनाया हैं। अपने एक वर्ष के मंत्री पद के कार्यकाल की चर्चा करते हुए सुमित कुमार सिंह कहते हैं कि उन्होंने पूरी ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है।

إرسال تعليق

0 تعليقات
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

live