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सारण की सियासत में आज भी मजबूत है इस परिवार का राजनीतिक विरासत

अनूप नारायण सिंह
पटना। बिहार के कुछ चुनिंदा राजनीतिक विरासत वाले परिवारों में पूर्व राजद सांसद प्रभुनाथ सिंह की परिवार की चर्चा होती प्रभुनाथ सिंह ने अपनी सियासत की विरासत अपने परिवार के साथ ही साथ अपने राजनीति के साथियों को भी शामिल किया है।धारा के विपरीत राजनीति के कारण बिहार की राजनीति में एक अलग पहचान रखने वाले महाराजगंज के पूर्व राजद सांसद प्रभुनाथ सिंह की विरासत संभालने के लिए उनके भाई पुत्र और भतीजे के साथ ही साथ पुत्री भी सक्रिय राजनीति में तेजी से आगे बढ़ रही हैं। हत्या के एक मामले में फिलहाल हजारीबाग कारा में बंद पूर्व राजद सांसद प्रभुनाथ सिंह के भाई केदारनाथ सिंह बनियापुर से लगातार चौथी बार राजद के टिकट पर विधायक हैं। पुत्र रणधीर सिंह छपरा से राजद के विधायक रह चुके हैं पिता की अनुपस्थिति में महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र व छपरा विधानसभा क्षेत्र में उन्होंने अपनी एक मजबूत पकड़ बनाई है। आगामी लोकसभा चुनाव में रणधीर सिंह महाराजगंज से प्रत्याशी होंगे जिसको लेकर इस बार वह कोई भी भूल चूक करने को तैयार नहीं जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं की टीम तैयार की जा रही है तथा बुथवार कमेटियों का गठन भी किया जा रहा है। पूर्व सांसद के भतीजे वाईपीएल संयोजक युवराज सुधीर सिंह ने 2020 के विधानसभा चुनाव में तरैया से निर्दलीय ताल ठोक कर तीसरे स्थान पर आकर राजनीति के रणनीतिकारों को चौंकाया। युवराज सुधीर सिंह ने क्रिकेट के बहाने पूरे सारण प्रमंडल और बिहार में युवाओं के बीच अपनी एक खास पकड़ बनाई है। युवराज सुधीर सिंह ने अपने चुनाव क्षेत्र के रूप में तरैया का चयन किया है तरैया का पानापुर प्रखंड पहले मसरख विधानसभा का अंग हुआ करता था 2010 के परिसीमन में मसरख विधानसभा का अधिकांश हिस्सा बनियापुर में और पानापुर प्रखंड तरैया विधानसभा में शामिल हो गया। चुनाव हारने के बावजूद युवराज सुधीर सिंह तरैया में पहले से ज्यादा सक्रिय लोगों के सुख-दुख के भागी बन रहे हैं यह भावी राजनीति का ही हिस्सा है। पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के छोटे भाई केदारनाथ सिंह लगातार चौथी बार विधायक बने है।बनियापुर क्षेत्र में उनके अधिवक्ता पुत्र ऋतुराज सिंह भी अब एक बड़ा चेहरा बन गए है। पिता के राजनीति की कमान ऋतुराज सिंह ने संभाल रखी है क्षेत्र में होने वाले आयोजनों में अब वही ज्यादा नजर आते हैं चर्चा है की राजनीति में ऋतुराज की भी जल्द ही इंट्री होगी। प्रभुनाथ सिंह की पुत्री मधु सिंह ने बाढ़ विधानसभा क्षेत्र में काफी पसीना बहाया था 2020 के चुनाव में मधु सिंह का राजद से टिकट कंफर्म था पर गठबंधन के कारण यह सीट कांग्रेस के खेमे में चली गई जिसका खामियाजा महागठबंधन को उठाना पड़ा। मधु सिंह की सक्रियता बाढ़ विधानसभा में पहले से ज्यादा हैं। वे हर समारोह में नजर आती हैं लोगों के सुख-दुख की भागी बनती है सोशल मीडिया पर भी वे काफी एक्टिव है। पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह की राजनीतिक यात्रा मसरख से निर्दलीय विधायक के रुप में हुई थी बाद में वे महाराजगंज से सांसद बने अपने पूरे राजनीतिक कैरियर में विपक्ष की राजनीति का बड़ा चेहरा रहे कभी भी मंत्री पद का लालच नहीं किया राजनीतिक करियर में कई बार ऐसे मौके आए जब वे प्रदेश व देश स्तर पर बड़ा पद प्राप्त कर सकते थे लोकसभा में उनकी मुखरता और वाकपटुता पूरे देश ने देखा एक कुशल वक्ता के साथ-साथ विषय के अच्छे जानकार नेता भी माने जाते हैं। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि परिवार में परिवारवाद के सहारे राजनीति में आने से ज्यादा संघर्ष वाद को तवज्जो दी जा रही है यही कारण है कि परिवार की नई पीढ़ी जनसेवा के माध्यम से राजनीति में पदार्पण करने की तैयारी में है। प्रभुनाथ सिंह के अनुपस्थिति में पूरा परिवार एकजुट होकर महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र में बड़े राजनीतिक मुहिम की तैयारी में लगा हुआ है इस बार सिंगल एजेंडा रणधीर सिंह को महाराजगंज से सांसद बनाना है जिसको लेकर व्यापक पैमाने पर तैयारियां प्रारंभ कर दी गई है पुराने कार्यकर्ताओं को एकजुट किया जा रहा है।

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