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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंतमान का कैसा रहेगा कार्यकाल, जानते है ज्योतिषीय आकलन

पंकज झा शास्त्री
9576281913

पंजाब के वर्तमान मुख्यमंत्री भगवंतमान के सपथ ग्रहण समय को ध्यान में रखकर ज्योतिषीय आकलन करे तो तब शीर्षोदय राशि मिथुन लग्न में उदय था लेकिन इसके साथ ही राहु काल भी लगा हुआ था जिससे इनको कुछ कठिनाई होगी। लेकिन लग्नेश बुध का नवम भाव में दशमेश गुरु से योग तथा उस पर तीसरे भाव से चंद्रमा की दृष्टि भगवंत मान की शपथ ग्रहण कुंडली का सबसे सुंदर ‘धन योग’ है।
चंद्रमा से केंद्र में गुरु का होना ‘गजकेसरी योग’ है तथा बुध का उसमें सहयोग ‘अमलकीर्ति’ योग बना रहा है, जो की भगवंत मान को अपने कामों से बेहद यश और सम्मान देंगे। दशम भाव में सूर्य का होना भगवंत मान को पंजाब में सरकारी नोकरियों में भर्ती तेज करने के फैसले लेने में सक्षम बनाएगा, जिससे प्रदेश के युवाओं को बेहद लाभ होगा।
नवांश कुंडली में मिथुन लग्न का वर्गोत्तम होना भगवंत मान की सरकार में प्रदेश के राजस्व बढ़ने तथा भ्रष्ठाचार पर काफी सीमा तक नियंत्रण पा लेने का ज्योतिषीय संकेत है।
शपथ ग्रहण के समय चंद्रमा मघा नक्षत्र में है, जो की मुहूर्त चिंतामणि के अनुसार एक ‘क्रूर’ नक्षत्र है तथा शुभ कार्यों में नहीं लिया जाता। फिर भी शपथ ग्रहण के दिन बुधवार, घृति योग तथा शुक्ल त्रियोदशी तिथि होने से ‘मघा’ नक्षत्र के अशुभ फल कुछ कम अवश्य होंगे।
शपथ ग्रहण के समय मघा नक्षत्र के स्वामी केतु विवादों के स्थान छठे भाव में बैठे हैं। छठे भाव के स्वामी मंगल अष्टम भाव में शुक्र और शनि से युति कर रहे हैं। इन योगों के कारण भगवंत मान को केद्र से कई मुद्दों पर विवाद का सामना करना पड़ सकता है। कुछ मुद्दों पर इनको तीखी आलोचना भी सुननी होगी। जिसकी गूंज इनके कार्यकाल के पहले साल में ही सुनाई देगी। इसके अतिरिक्त शपथ ग्रहण कुंडली के अष्टम भाव में बैठे शनि और मंगल प्रदेश में किसी बड़ी अनहोनी घटना का ज्योतिषीय संकेत हैं, जिसमें आकस्मात रूप से ‘क़ानून व्यवस्था’ का संकट खड़ा हो सकता है, हांलाकी कठिनाइयों के बावजूद बहुत हद तक नियंत्रण पाने में सफल हो सकते है।

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