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सारण के संग्राम में टकराएंगे सुधांशु सच्चिदानंद संजय और सुशांत

अनूप नारायण सिंह 

मिथिला हिन्दी न्यूज :- सारण स्थानीय निकाय कोटे के अंतर्गत होने जा रहे विधान परिषद सीट के लिए सारण में चतुष्कोणीय मुकाबले के आसार दिख रहे हैं। राजद ने यहां से ब्राह्मण समुदाय से आने वाले सुधांशु रंजन पांडे को अपना उम्मीदवार बनाया है जबकि भाजपा ने निवर्तमान विधान पार्षद सच्चिदानंद राय को अपना उम्मीदवार बनाया है जो भूमिहार जाति से आते मसरख के पूर्व विधायक रहे तारकेश्वर सिंह ने अपने चचेरे भाई संजय कुमार सिंह को चुनाव में उतारा है कांग्रेस के तरफ से सुशांत कुमार सिंह यहां से उम्मीदवार बनाए गए मैदान में आधा दर्जन से ज्यादा उम्मीदवार तैयारी में लगे हैं पर जो हालात है उसके अनुसार मुख्य मुकाबला राजद भाजपा कांग्रेस व निर्दलीय संजय सिंह के बीच ही होता दिख रहा है। यादव व मुस्लिम समुदाय से आने वाले उम्मीदवार पर अभी तस्वीर साफ नहीं हो पाई है।सारण में बिहार विधान परिषद् के स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र का द्धिवार्षिक निर्वाचन-2022 हेतु मतदाताओं की संख्या-5451 है। हालांकि वोटरों की संख्या में वृद्धि या कमी हो सकती है क्योंकि अभी इसमें नियमानुसार जांच प्रक्रिया चल रही है। जिला निर्वाचन पदाधिकारी सारण के द्वारा बताया गया कि जिला के सभी प्रखंड मुख्यालय में मतदान केन्द्र स्थापित किया जाएगा। इस प्रकार सारण जिला में कुल मतदान केन्द्रों की संख्या-20 होगी। चुनावी रणनीति की बात करें तो निवर्तमान विधान पार्षद सच्चिदानंद राय के समर्थन में भाजपा जदयू हमसे कूलर है वहीं दूसरी तरफ राजद उम्मीदवार को अपने दल के साथ वामदलों का साथ मिल रहा है कांग्रेस अकेले सीट पर चुनाव लड़ रही है पूर्व विधायक तारकेश्वर सिंह के चचेरे भाई और जाप के टिकट पर तरैया से निर्दलीय चुनाव लड़ चुके संजय कुमार सिंह जिले में औद्योगिक क्रांति अभियान की शुरुआत कर चर्चा में आ चुके हैं उनके चचेरे भाई स्वर्गीय अशोक सिंह मसरख से विधायक रह चुके हैं उनकी भाभी चांदनी देवी जिले में सर्वाधिक मतों से जिला परिषद का चुनाव जीती है तारकेश्वर सिंह सारण की राजनीति के पुराने धुरंधर खिलाड़ी रहे हैं अपने चचेरे भाई के बहाने इस बार कई समीकरणों को साधने की तैयारी में है राजद उम्मीदवार सुधांशु रंजन पांडे के साथ राजद का पूरा कुनबा एकजुट है यादव मतदाताओं में फूट नहीं हुआ तो परिणाम भी कोई बड़ा चौंकाने वाला नहीं होगा। निवर्तमान विधान पार्षद सच्चिदानंद राय की छवि इलाके में बड़े पूंजीपति की है चर्चा है कि किसी भी कीमत पर वोटर की कीमत लगा सकते हैं हालांकि उनसे जुड़े लोग इस बात का खंडन करते हैं विधान परिषद रहते हुए उन्होंने कई कार्य भी किए हैं जो अपनी उपलब्धियों में गिनाया है पर सबसे बड़ी दुविधा उन्हें स्थानीय स्तर पर अपने ही दल के लोगो को एकजुट करने में हो रही है पिछली बार के सभी मददगार या तो दूसरे दलों में चले गए हैं या किसी न किसी कारण से रूठे है। महाराजगंज लोकसभा चुनाव के समय सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल के खिलाफ जाना भी सच्चिदानंद राय के लिए इस बार महंगा साबित हो रहा है। कांग्रेस उम्मीदवार को लेकर अभी कोई बड़ी उलटफेर की संभावना नहीं है। चर्चा है कि अगर यादव समुदाय से उम्मीदवार उतरेंगे तो राजद के ही वोट कटवा साबित होंगे वहीं दूसरी तरफ सवर्ण से कोई उम्मीदवार सशक्त रूप में चुनाव लड़ता है तो वह सच्चिदानंद राय के वोटरों में ही सेंध लगाएगा हालांकि जो सच्चाई है उससे सभी अवगत हैं इस चुनाव में पूरा मैनेजमेंट का खेल है जो प्रत्याशी ज्यादा से ज्यादा वोटरों तक पहुंच पाएगा और उन्हें मैनेज कर पाएगा उसकी जीत निश्चित है पार्टी स्तर पर सिर्फ चुनाव प्रचार ही नजर आ रहा है पर वोटर सभी प्रत्याशियों के साथ गले मिलते नजर आ रहे हैं। अपुष्ट सूत्रों के अनुसार पिछली बार 5 से 10 हजार के बीच में एक-एक वोट मैनेज हुआ था पर इस बार कीमत 15 से 20 तक जा सकती है। अगले सप्ताह में नामांकन होना है और 21 मार्च तक प्रत्याशी अपना नाम वापस ले पाएंगे 4 अप्रैल को चुनाव होगा और 7 अप्रैल को परिणाम आ जाएगा। इस चुनाव में सारण की राजनीति का सिरमौर कौन है इसका भी फैसला होना है राजद गुट में प्रभुनाथ सिंह के बाद जितेंद्र राय का कुनबा तेजी से आगे बढ़ रहा है वहीं भाजपा में महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल और राजीव प्रताप रूडी के वर्चस्व का भी इस चुनाव में फैसला होना है। सोनपुर गरखा सुरक्षित परसा अमनौर मरहौरा छपरा तरैया बनियापुर एकमा माझी 10 विधानसभा क्षेत्र के पंचायतों में निर्वाचित वार्ड सदस्य पंचायत समिति मुखिया जिला पार्षद विधायक और सांसद चुनाव में वोट डालेंगे। नगर निकाय के जनप्रतिनिधियों को लेकर अभी संशय की स्थिति है।

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