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5451 मतदाता चुनेंगे सारण का अगला विधान पार्षद 2978 महिला और 2473 पुरुष वोटर

अनूप नारायण सिंह 
छपरा।4 अप्रैल को सारण स्थानीय निकाय विधान परिषद सीट के लिए मतदान होना है।5451 मतदाता चुनेंगे सारण का अगला विधान पार्षद। 2978 महिला और 2473 पुरुष वोटर है। इस बार कुल 8 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं जिसमें राजद के सुधांशु रंजन भाजपा के धर्मेंद्र कुमार सिंह निर्दलीय सच्चिदानंद राय निर्दलीय संजय कुमार सिंह कांग्रेस उम्मीदवार सुशांत कुमार सिंह वीआईपी के बालमुकुंद चौहान निर्दलीय मैनेजर सिंह निर्दलीय ही लालू प्रसाद यादव शामिल है।
अब जबकि मतदान में महज 2 दिन बाकी है तो स्थिति भी साफ होने लगी है इस सीट पर पहले जहां चतुष्कोण यह मुकाबला दिख रहा था वहीं अब मुकाबला पूरी तरह से आमने सामने की लड़ाई में तब्दील हो गया है इस सीट पर अगर भाजपा के कैडर वोटर एकजुट रहे तो राजद उम्मीदवार सुधांशु रंजन का सीधा मुकाबला भाजपा उम्मीदवार धर्मेंद्र सिंह से होगा लेकिन अगर भाजपा का कैडर वोटर बिखरता है तो ऐसी स्थिति में राजद के सुधांशु रंजन के सामने लड़ाई में निवर्तमान पार्षद और निर्दलीय उम्मीदवार सच्चिदानंद राय होंगे। बाकी के 5 उम्मीदवार कहीं भी लड़ाई में नहीं है और अब पूरी तरह से लड़ाई से बाहर है। एक बात तो तय है कि जिसको भी लड़ना है इस सीट पर उसे राजद के सुधांशु रंजन से ही लड़ना है भाजपा ने अंतिम दौर में दोनों उप मुख्यमंत्रियों मंत्रियों और पार्टी कैडर के नेताओं को उतारकर लड़ाई को रोचक बना दिया है सच्चिदानंद राय के बारे में चर्चा है कि सर्वाधिक पैसे वाले उम्मीदवार हैं इस कारण से उन्होंने तिजोरी का मुंह खोल दिया है सबसे ऊंची कीमत लगाई है वोटरों की पर प्रभाव फिलहाल नहीं दिख रहा राजद का अपना वोट बैंक है जिसमें दलित पिछड़ा यादव अल्पसंख्यक और अगड़ा वोटर भी है जबकि भाजपा का अपना कैडर वोटर है जो किसी भी कीमत पर भाजपा उम्मीदवार के साथ है ऐसे में सच्चिदानंद राय दोनों तरफ से सेंधमारी में लगे हुए हैं राजद उम्मीदवार ब्राह्मण जाति से आते हैं जो उनके लिए प्लस पॉइंट है ब्राह्मण वोटर और स्वर्ण वोटर उनके नाम पर भाजपा से दरके हैं जबकि उनका अपना एमवाई समीकरण का वोट उनके साथ है। भाजपा उम्मीदवार को लेकर उहापोह की स्थिति में है जिन्हें टिकट दिया गया है उन्हें उनके वोटर ही नहीं पहचानते हैं हालांकि अब चर्चा यह है कि उम्मीदवार नहीं भाजपा चुनाव लड़ रही है। इस कारण से धर्मेंद्र सिंह तेजी से लड़ाई में वापस लौटे हैं सच्चिदानंद राय भले ही पैसे से मजबूत हो पर एंटीकमबंसी का भी घाटा उन्हें उठाना पड़ रहा है विधान पार्षद रहते हुए उन्होंने सिर्फ और सिर्फ एक जाति विशेष के लोगों को ही उपकृत किया उनका काम कहीं जमीन पर दिखा नहीं ऐसे में उनकी स्थिति खराब है। इस सीट से हार जीत बिहार के सियासत पर भले असर डाले या ना डाले पर सारण के सियासत पर जरूर असर डाल देगी अगर यहां से राजद उम्मीदवार चुनाव जीते तो अगले लोकसभा चुनाव में सारण और महाराजगंज लोकसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवारों को नाकों चने चबाना पड़ेगा। भाजपा उम्मीदवार जीते तो इसे महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल की व्यक्तिगत जीत मानी जाएगी अगर बहुत बड़ा उलटफेर हुआ तो फिर सच्चिदानंद राय की वापसी होगी और ऐसे में सच्चिदानंद राय महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र से संभवत प्रत्याशी हो जाएंगे सच्चिदानंद राय भूमिहार बिरादरी से आते हैं। जबकि भाजपा उम्मीदवार धर्मेंद्र सिंह राजपूत बिरादरी से। सबसे सेफ उम्मीदवार यहां से राजद के सुधांशु रंजन है पर उन पर बारे में भी चर्चा है कि अगर पार्टी के नेता स्थानीय स्तर पर उनके साथ गद्दारी नहीं करें तो सुधांशु रंजन को इस सीट पर हराना असंभव ही नहीं नामुमकिन है। 

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