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आईटी विभाग, बिहार को मिला बिहार में कुल 817 करोड़ रुपये का डेटा केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव

अनूप नारायण सिंह 
पटना : श्री जिवेश कुमार, माननीय मंत्री, सूचना प्रावैधिकी विभाग बिहार सरकार की अध्यक्षता में विशेष सचिव, सूचना प्रावैधिकी विभाग, श्री अरविंद कुमार चौधरी, एवं विभाग के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों एवं बिहार राज्य में संभावित निवेशक 'व्यूनाउ के बीच एक प्रस्ताव बैठक आयोजित की गई। बैठक के बाद बिहार सरकार के सूचना प्रावैधिकी मंत्री श्री जिवेश कुमार ने कहा, बैठक काफी सकारात्मक रही हम इनसे विस्तृत प्रस्ताव की प्रतीक्षा कर रहे हैं। प्रस्ताव एवं अंतिम योजना के मूल्यांकन उपरांत हम इसे अंतिम मंजूरी के लिए माननीय मुख्यमंत्री को अग्रसारित करेंगे। 'मुझे इस बात की अत्यंत प्रसन्नता है कि निवेशक, बिहार के आईटी उद्योग में दिलचस्पी दिखा रहे हैं, साथ ही मेरा विश्वास है कि राज्य की बढ़ती अर्थव्यवस्था के प्रति अनुकूल अभिवृत्ति के साथ, निवेशक एक समृद्ध व्यापारिक प्रयत्न करेंगे।'

सूचना प्रावैधिकी विभाग, बिहार सरकार को आईटी-आधारित संगठन 'व्यूनाउ से 817 करोड़ रुपये का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। इस संगठन को डेटा प्रबंधन और कंप्यूटिंग जरुरतों के व्यापक समाधान में दक्षता हासिल है।

आईटी विभाग की प्रारंभिक अवधारणा के अंतर्गत, मास्टर हब पटना में 100 रैक के साथ टियर 4 डेटा सेंटर के निर्माण के लिए है, जिसमें पूर्ण आईटी लोड पर 1.2 मेगावाट की स्थापित क्षमता और 40 एज डेटा सेंटर का नेटवर्क भी सम्मिलित है। पहले चरण में, चार हब की योजना दरभंगा, भागलपुर, पूर्णिया और बक्सर जिलों के लिए है, जिसमें पूर्ण आईटी लोड पर लगभग 2.4 मेगावाट कुल बिजली उपयोग होना है । दूसरे चरण में दो हब लोकेशन और दस ईडीसी शामिल थे और तीसरे चरण में 24 एज डेटा केंद्रों को स्थापित किया जाएगा। 

व्युनाउ को हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा भूमि आवंटित की जा चुकी है और इसके साथ ही सिलिकॉन वैली, कोलकाता में भी 6 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। उन्होंने बुल्गारिया गणराज्य के व्यापक डेटा सेंटर अवसंरचना को विकसित करने के लिए वहाँ के च्सवअकपअ प्रावैधिकी पार्क के साथ भी एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

बिहार राज्य, तेजी से ई-गवर्नेंस और सूचना प्रावैधिकी में अग्रणी हो रहा है। राज्य में आईटी और आईटीईएस क्षेत्रों के विस्तार के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान किए गए हैं और अवसंरचनात्मक आईसीटी बुनियादी ढांचे का भी निर्माण हुआ है, जिसमें एक राज्य स्तरीय डेटा केंद्र, ई-डिस्ट्रिक्ट के साथ एक स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क और भी शामिल है। राज्य सरकार द्वारा ई-जिला साइट के माध्यम से कई सरकारी नागरिक सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। 

सूचना प्रावैधिकी विभाग, बिहार सरकार द्वारा, बिहार औद्योगिक निवेश संवर्धन नीति - 2016 के आधार पर विकल्पों की पेशकश की गई, जो प्रमुख उद्योगों को लाभ प्रदान करता है, जिनमें से आईटी /आईटीईएस भी एक है।

व्युनाउ के प्रबंध निदेशक, श्री वी.सी. रॉय ने कहा कि, 'दिन प्रतिदिन बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था में, प्रदर्शन के सतत स्तर को बरकरार रखने के लिए प्रत्येक व्यवसाय की आईटी अवसंरचना को स्केलेबल होना चाहिए। अनिवार्य रूप से एक डिजिटल ट्रांजिशन की प्रक्रिया से गुजरने वाले संगठनों के साथ, डेटा हर फर्म के लिए सबसे बहुमूल्य संपत्ति बन गई है। 'व्युनाउ के प्रबंध निदेशक, श्री वी.सी. रॉय के अनुसार, व्यवहार्यता अध्ययन के प्राथमिक निष्कर्षों को प्रोपोजल मीटिंग्स के दूसरे चरण में प्रस्तुत किया जाएगा, जो इस माह के अंत तक संभव है। 

श्री जिवेश कुमार, माननीय मंत्री, सूचना प्रावैधिकी विभाग, बिहार सरकार ने कहा, 'निवेशकों को हमारा पूरा समर्थन मिलेगा, चाहे वो भूमि हो या अन्य आवश्यकताएं ! हम बिहार को भारत के पूर्वी क्षेत्र में अगले आईटी हब के रूप में स्थापित करने की अपनी प्रतिबद्धता में अडिग हैं।'

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