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अलविदा सीतामढ़ी के लाड़ले नवल जी, अनूठे थे उनके तेवर

रोहित कुमार सोनू 

मिथिला हिन्दी न्यूज :- कल का दिन अत्यंत दुख से सराबोर रहा है। सीतामढ़ी के लाड़ले हमारे पूर्व सांसद नवल किशोर राय नहीं रहे। नेता कार्यकर्ताओं समेत आम लोग उनके याद करके दुखी हैं। फेसबुक हो टि्वटर हो या व्हाट्सएप हो सभी पर नवल किशोर राय सीतामढ़ी ट्रेंट कर रहा है। सब एक ही बात लिख रहे हैं जनता के समस्याओं का निदान के लिए हर संभव प्रयास करते रहे कुशल राजनेता थे जन जन के प्रिय थे। हमें याद है कि जब 2004 में बाढ़ से पुरा सीतामढ़ी तबाही हुआ था तब पुपरी अनुमंडल में धरना प्रदर्शन देते हुए लालू सरकार को कोसते रहे हैं ये नवल किशोर राय थे।नवल किशोर राय के सभाओं में जनता का मेला उमड़ता था। नवल राय भी इन सभाओं को संबोधित करते थे। उनके व्याख्यानों की नीतीश कुमार को बहुत पसंद थी। अपना हाथ हवा में लहराते हुए,  शैली में जब वे चुटीले व्यंग्य करते थे, तो तालियों की गड़गड़ाहट से सभास्थल गूँज उठता था। अब नवल किशोर राय की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर बन गई। सीतामढ़ी में उन्होंने जननायक कर्पूरी ठाकुर विचार केंद्र बनाया जिसमें लोगों को कर्पूरी ठाकुर की विचारधारा से प्रभावित करते थे।
राजनीति में प्रवेश

1970 में नवल जी सक्रिय राजनीति में आ गए। कई बार पंचायत चुनाव की राजनीति साधनहीनता के कारण वे विजयी न हो सके। इससे उनके उत्साह में कमी नहीं आई, क्योंकि उनके चुनाव भाषणों में श्रोताओं, विशेषकर युवकों की भीड़ अधिक रहती थी।
 
सीतामढ़ी संसदीय क्षेत्र से तीन बार सांसद व एक बार पुपरी विधानसभा से विधायक रहे। जनता दल से पहली बार सीतामढ़ी से वर्ष 1991 में सांसद बने। इसके बाद 1996 व फिर जदयू से वर्ष 1999 में सांसद निर्वाचित हुए। वर्ष 1998 के लोकसभा चुनाव में वे पराजित हो गए। वर्ष 1998 के विधानसभा चुनाव में वे जनता दल के टिकट पर विधायक बने। वे युवा जनतादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी थे।जिले के पुपरी के समीप चैनपुरा उनका पैतृक गांव था। स्व रामनन्दन राय के पुत्र नवलकिशोर राय का जन्म 1 जनवरी 1960 को हुआ था।

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