- एईएस/जेई से जुड़े इलाज के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर हुई विस्तृत चर्चा
-प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी व चिकित्सकों का प्रशिक्षण
- चमकी के मामलों पर सतर्क रहने का सीएस ने दिए निर्देश
मोतिहारी, 07 अप्रैल। बढ़ते तापमान के साथ ही जिले में चमकी के मामले आने शुरू हो गए हैं। एईएस/ चमकी बुखार से बच्चों की सुरक्षा को लेकर मोतिहारी सदर अस्पताल के जीएनएम छात्रावास में गुरुवार को सिविल सर्जन, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ शरत चंद्र शर्मा, एसीएमओ डॉ रंजीत राय द्वारा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी व चिकित्सकों को एईएस/ जेई से जुड़े इलाज के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा के साथ बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़े महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए। वहीं सभी स्वास्थ्य कर्मियों को चमकी के मामलों पर सतर्क रहने व इलाज में कोताही नहीं बरतने का निर्देश दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि अगर चमकी से प्रभावित माता पिता बच्चों को प्राइवेट गाड़ी या एम्बुलेंस से लेकर आएं तो उनको तुरंत निर्धारित किराए का भुगतान सुनिश्चित करें।
चमकी के दौरान तुरंत उपचार के तौर- तरीके बताए गए-
एईएस/चमकी बुखार पर एक दिवसीय विशेष प्रशिक्षण में प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया जिसमें डॉ पंकज कुमार, डॉ अमृतांशु कुमार ने मुख्य भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि चमकी के लक्षण अधिकांश मामलों में सुबह में देखने को मिलते हैं। इसमें देरी बिलकुल नहीं करनी चाहिए। मरीजों के लक्षण को ध्यान से कैसे पहचानना है, उन्हें एम्बुलेंस पर कैसे लाना है, कैसे तुरंत उपचार करना है, इसके तौर- तरीके बताए गए। उन्हें बताया गया कि किस प्रकार से शरीर के तापमान की जांच करनी है, उनके ग्लूकोज स्तर का जांच करनी है, किस प्रकार से उन्हें ऑक्सीजन देना है, कौन-कौन सी जरूरी दवाओं का कितना प्रयोग करना है। आज के प्रशिक्षण में इस बात पर विशेष ध्यान दिया गया। ताकी प्रशिक्षण से जानकारी लेकर चमकी प्रभावित क्षेत्र चकिया, मेहसी, मधुबन, तेतरिया, हरसिद्धि सहित अन्य क्षेत्रों के स्वास्थ्य कर्मियों को चमकी के लक्षण को पहचानने व इलाज में सहूलियत होगी।
मौके पर सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार, एसीएमओ डॉ रंजीत राय, डीभीडीसीओ डॉ शरद चंद्र शर्मा, डॉ सुनील कुमार, राहुल राज, डॉ पंकज कुमार, डॉ अमृतांशु कुमार, अभिषेक कुमार, आशुतोष कुमार समेत प्रभारी चिकित्सा प्रभारी मौजूद थे।