मिथिला हिन्दी न्यूज :- भारत मां के सच्चे सपूत, राष्ट्र पुरुष, राष्ट्र मार्गदर्शक, सच्चे देशभक्त, ना जाने कितनी ही उपाधियों से पुकारे जाने वाले 'राष्ट्रवादी पत्रकार रोहित सरदाना सही मायने में 'राष्ट्रवादी पत्रकार ' थे। इन सबसे भी बढ़कर रोहित सरदाना एक अच्छे इंसान थे, जिन्होंने जमीन से जुड़े रहकर पत्रकारिता की और 'जनता के पत्रकारिता ' के रूप में लोगों के दिलों में अपनी खास जगह बनाई थी। एक ऐसे इंसान जो बच्चे, युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों सभी के बीच में लोकप्रिय थे।आज उनका पहला पुण्यतिथि पर देश याद कर रहा है ट्विटर फेसबुक पर राष्ट्रवादी पत्रकार रोहित सरदाना को याद किया जा रहा है। आपको बता दें 42 वर्षीय चर्चित टीवी पत्रकार रोहित सरदाना गाजियाबाद में क्रासिंग रिपब्लिक स्थित पंचशील वेलिंग्टन सोसायटी में टावर-2ए में 18वें फ्लोर पर स्थित फ्लैट में रहते थे। उनके छोटे भाई हितेश सरदाना, जो पतंजलि में मार्केटिंग विभाग में वरिष्ठ पद पर कार्यरत हैं। वह भी इसी सोसायटी के उसी टावर में 17वें फ्लोर पर रहते हैं। पड़ोसियों ने बताया कि स्वजन रोहित सरदाना के शव को अंतिम संस्कार के लिए कुरूक्षेत्र स्थित उनके मूल निवास लेकर गए हैं।क्रासिंग रिपब्लिक स्थित पंचशील वेलिंग्टन सोसायटी में रहने वाले लोगों ने बताया कि रोहित सरदाना जमीन से जुड़े हुए इंसान थे। इतना विख्यात होने के बावजूद कभी उन्होंने अपनी ताकत और संबंधों का गलत इस्तेमाल नहीं किया। हर किसी से दिल से मिलते थे जो एक बार उनसे मिल लेता था वह हमेशा के लिए उनका मुरीद हो जाता था। क्रासिंग रिपब्लिक में ही एकाध नहीं, सैकड़ों ऐसे किस्से हैं जब रोहित सरदाना ने मसीहा बनकर लोगों की मदद की। अंजान शख्स की भी पूरे मन से वह इस तरीके से मदद करते थे मानो बरसों पुराना परिचित हो। वर्ष 2017 में सोसायटी में पांचवे फ्लोर पर रहने वाले एक शख्स को करंट की चपेट में आ गए थे। गंभीरावस्था में रोहित उन्हें खुद अस्पताल लेकर पहुंचे थे और सही समय पर सही उपचार कराकर जिंदगी बचाई थी।