मिथिला हिन्दी न्यूज :- कोरोना संकट पर मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों के सामने वैट घटाने का प्रस्ताव रखा था, यह प्रस्ताव खासतौर पर विपक्षी दलों द्वारा शाषित राज्यों के लिए था। सात राज्य सरकारों ने पेट्रोल-डीज़ल पर वैट घटाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्ताव को ख़ारिज करते हुए केंद्र पर पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर दोहरी राजनीति करने का आरोप लगाया है।देशवासियों पर पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत का बोझ कम करने के लिए केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) में कमी की थी. केंद्र सरकार ने राज्यों से भी आग्रह किया था कि वो अपने यहां टैक्स कम करें. कई राज्य जैसे महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरला और झारखंड, किसी ने किसी कारण से उन्होंने इस बात को नहीं माना. अब आपसे मेरी प्रार्थना है कि देशहित में आप पिछले नवंबर में जो करना था अब आप अपने राज्य के नागरिकों को वेट कम करके इसका फायदा पहुंचाएं.' कोरोना संकट पर मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह प्रस्ताव राज्यों के सामने रखा रखा था, यह प्रस्ताव खासतौर पर विपक्षी दलों द्वारा शाषित राज्यों के लिए था. इस पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, 'केंद्र के पास पश्चिम बंगाल का करीब 97,000 करोड़ रूपया बकाया है, जिस दिन केंद्र इसका आधा भी रिलीज़ करेगी, हम पेट्रोल-डीजल पर 3000 करोड़ की सब्सिडी दे देंगे.'
ममता बनर्जी ने साथ ही कहा, 'पीएम नरेंद्र मोदी ने पूरी तरह से एकतरफा और भ्रामक भाषण दिया है. उनके द्वारा साझा किए गए तथ्य गलत थे. हम पिछले तीन वर्षों से प्रति लीटर पेट्रोल और डीजल पर 1 रुपये की सब्सिडी दे रहे हैं. हमने 1,500 करोड़ रुपए इस पर खर्च किए हैं.'