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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से कालाजार उन्मूलन को छिड़काव दल रवाना

- कीटनाशकों के छिड़काव से  कालाजार की होगी रोकथाम
- बालू मक्खी के काटने से होता है कालाजार

प्रिंस कुमार 

मोतिहारी, 06 अप्रैल। कालाजार से जिले को बचाने के लिए 05 अप्रैल से प्रभावित प्रखण्ड क्षेत्रों में सिंथेटिक पाइरोथाइराइड के छिड़काव की शुरुआत हो चुकी है। पूर्वी चम्पारण के सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि यह रोग बालू मक्खी के काटने से होता है। जिसका संक्रमण मादा बालू मक्खी के जरिए धीरे-धीरे फैलता है। बालू मक्खियां अपेक्षाकृत ज्यादा नमी वाले, गर्म, भूतल पर पाए जाने वाले पानी वाले क्षेत्रों में तेजी से पनपती हैं। वहीँ बाढ़ से प्रभावित होने वाले इलाकों में मौजूद कच्चे मकान इनके प्रजनन के लिए बिल्कुल उपयुक्त होता है। इन्हीं स्थानों पर कीटनाशकों का छिड़काव किया जाना है । ताकि कालाजार के वाहक बालू मक्खी को खत्म कर क्षेत्र को सुरक्षित किया जा सके। 

आदापुर अनुमंडलीय स्वास्थ्य केंद्र परिसर से छिड़काव दल रवाना-
बुधवार को जिले के आदापुर अनुमंडलीय स्वास्थ्य केंद्र परिसर से प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजेश कुमार सहनी, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सीमा, डॉ प्रियदर्शनी, प्रखंड प्रबंधक केयर इंडिया के श्रीनारायण सिंह के नेतृत्व में झंडी दिखाकर कालाजार छिड़काव दल को रवाना किया गया। जिसने नायक टोला, महादलित टोलों के साथ कालाजार से प्रभावित अन्य जगहों में छिड़काव किया। मौके पर लोगों को कालाजार के विषयों में जागरूक किया गया । उन्हें घर व आसपास के क्षेत्रों को साफ स्वच्छ रखने की जानकारी दी गई।

2 लाख घरों में होगा छिड़काव-
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शरतचंद्र शर्मा ने बताया कि पूर्वी चंपारण के कुल 2 लाख घरों को छिड़काव से आच्छादित किया जाना है। कालाजार से मुक्त करने की दिशा में स्वास्थ्यकर्मी व विभागीय अधिकारी सक्रिय हैं। इसके लिए महादलित बस्तियों एवं झुग्गी-झोपडी में कालाजार से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ सिथेटिक पाइरोथाइराइड कीटनाशक का छिड़काव किया जाएगा। कालाजार को जड़ से समाप्त करने व छिड़काव की गुणवत्ता के लिए प्रखंड स्तर पर बैठक के आयोजन के साथ कर्मियों का प्रशिक्षण करा दिया गया है। ताकि जिले से कालाजार खत्म हो सके।

छिड़काव के वक्त इन बातों पर दें ध्यान:
- घर की दीवारों में पड़ी दरारों को भर दें।
- खाने-पीने के सामान, बर्तन, दीवारों पर टंगे कैलेंडर आदि को बाहर कर दें।
- भारी सामानों को कमरे के मध्य भाग में एकत्रित कर उसे ढक दें।
- रसोईघर, गौशाला सहित पूरे घर में दवा का छिड़काव कराएं। 

कालाजार के लक्षण:
- रुक-रुक कर बुखार आना।
- भूख कम लगना।
- शरीर में पीलापन और वजन घटना।
- तिल्ली और लिवर का आकार बढ़ना।
- त्वचा सूखी और पतली होना।
- बाल का झड़ना।

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