इस समय देंगे अर्घ्य
चैती छठ पूजा पर अर्घ्य देने के लिए सूर्यास्त का समय 7 अप्रैल को शाम को 5:30 बजे होगा और सूर्योदय का समय 8 अप्रैल को सुबह 6:40 बजे होगा।
यह पर्व चार दिन तक चलता है. छठ महापर्व की शुरुआत नहाय-खाय के दिन से होती है. आस्था का महापर्व छठ साल में दो बार मनाया जाता है. यह पर्व चैत्र माह में और कार्तिक माह में मनाया जाता है.
छठी मैया का प्रसाद
छठी मैया की पूजा बड़ी सावधानी पूर्वक की जाती हे. छठी मैया को प्रसाद के रूप में गुड़ और चावल से बनी खीर, गेंहू के आटे और गुड़ से बने ठेकुआ, पकवान, पूड़ी, फल, फूल, ईख आदि प्रसाद के रूप में चढ़ायी जाती है. व्रती नदी, तालाब या सरोवर में खड़े होकर सूर्यदेव का ध्यान करते हैं. जब सूर्योदय होता है तो व्रती एक-एक कर सभी डालों को अर्घ्य देते हैं. इस अवसर पर दूध और जल का भी अर्घ्य दिया जाता है. इसके बाद व्रती जल ग्रहण करके व्रत का समापन करते हैं.