मिथिला हिन्दी न्यूज :- लाल पत्थर से दिल्ली के बीचों बीच बनी इस इमारत के सामने से गुजरें तो इसकी भव्यता अक्सर ध्यान आकर्षित करती है। इसकी मजबूती, बेहतरीन स्थापत्य कला और इसकी बेमिसाल कारीगरी के मुरीद लोगों के लिए यह जानना दिलचस्प होगा कि लाल किले की नींव 29 अप्रैल को रखी गई थी।इस दिन का विश्व की ऐतिहासिक इमारतों में शुमार बकिंघम पैलेस के लिए भी खास महत्व है। दरअसल 1993 में आज ही के दिन ब्रिटिश राजशाही के इस आवास को आम जनता के लिए खोल दिया गया था। इससे पहले तक साल के कुछ ही दिनों में इसे आम जनता के लिए खोला जाता था, लेकिन अब लोग पूरे साल टिकट खरीदकर इस शाही इमारत के कुछ हिस्सों का दीदार कर सकते हैं।इसे लेकर लगातार राजनीति जारी है, जहां कांग्रेस ने लाल किला की जिम्मेदारी एक प्राइवेट ग्रुप को दिए जाने पर सवाल उठाया है वहीं बीजेपी ने सरकार के इस फैसले का बचाव किया है. लाल किला को केंद्र सरकार की नीति एडॉप्ट अ हेरिटेज’ के तहत डालमिया ग्रुप को दिया गया है. इस शानदार इमारत के सामने से गुजरें तो इसकी भव्यता अक्सर ध्यान आकर्षित करती है. लाल पत्थर से बनी इस इमारत से जुड़ी खबर ये है आज ही के दिन सन् 1639 में इसकी नींव रखी गई थी. मजबूती, बेहतरीन स्थापत्य कला और बेमिसाल कारीगरी के मुरीद लोगों के लिए यह जानना दिलचस्प होगा कि लाल किले की नींव 29 अप्रैल यानी आज ही दिन रखी गई थी.