मिथिला हिन्दी न्यूज :- मिथिलांचलके लोग 14 अप्रैल को जुड़ शीतल के रूप में नववर्ष मनाएंगे। मिथिलांचलके लोग आज जुड़ शीतल के रूप में नववर्ष मनाएंगे। जुड़शीतल के अवसर पर घर-आंगन की सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाता है। मिथिल समाज के लोग एक-दूसरे को गीली मिट्टी लगाकर नववर्ष की बधाई देते हैं, क्योंकि यह पर्व किसानों से जुड़ा है, इसलिए इस दिन गीली मिट्टी के साथ खेलने का भी रिवाज है।मिथिलांचल में नववर्ष का यह सामाजिक त्योहार पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। इस दिन पुराने वृक्षों की जड़ों में पानी दिया जाता है, वहीं नए पौधे लगाकर लोग पर्यावरण को बचाने का संकल्प लेते हैं।
जुड़शीतल के अवसर पर सतुआन के अगले दिन भात और बासी बड़ी खाने का नियम है। तालाब में मिलने वाले सेमार के साथ कुल देवी-देवता को यह चढ़ाया जाता है।मौकेपर विभिन्न तरह के पकवान बनाए जाते हैं। इस दिन नमकीन पकवान का विशेष महत्व है। इस अवसर पर बड़ी, दाल-पूड़ी, खिचड़ी आदि बनाए जाते हैं।