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अजीत जोगी: वो नेता जिनके जिक्र के बिना अधूरी है छत्तीसगढ़ की राजनीति

स्वर्गीय अजीत कुमार जोगी का जन्मदिन पर विशेष 

संवाद
मिथिला हिन्दी न्यूज :- अजीत कुमार जोगी का जन्म  29 अप्रेल 1946 में ही हुआ. भोपाल से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद कुछ समय उन्होंने रायपुर इंजीनियरिंग में लेक्चरारशिप की.

अजीत जोगी ने साल 1968 में आईपीएस बने और दो साल बाद आईएएस भी . उन्होंने दो उपलब्धियों में आईएएस को चुनकर आगे अपना करियर बढाया. जोगी लगातार चौदह साल तक जिलाधीश बने रहे जो अपने आपमें एक रिकार्ड है.

इस दौरान उनकी नियुक्ति कई जगह रही और वही क्षेत्र उनके सियासी क्षेत्र बने . वह रायपुर में कलेक्टर रहे , मध्यप्रदेश के सीधी ,ग्वालियर ,इंदौर में कलेक्टर रहे.यहाँ यह बात याद रखने वाली है कि जब अजीत जोगी इंदौर में अपना प्रशासनिक करियर छोड़ . कांग्रेस के मध्यप्रदेश में सीएम रहे अर्जुन सिंह के कहने पर इंदौर से ही वे आईएएस सेवा छोड़कर राज्यसभा में चले गए और अपना सियासी करियर शुरू किया

दो बार राज्यसभा के सदस्य रहते हुए अजीत जोगी को कांग्रेस पार्टी में उनके अपनी बेहतरीन वाक् शैली के कारण कांग्रेस का राष्ट्रीय प्रवक्ता बना दिया गया. केंद्र की राजनीति से अपना सियासी सफर शुरू करने वाले जोगी को अपने गृह क्षेत्र में अपनी पैठ ज़माने का मौका तब मिला जब साल 1998 में छत्तीसगढ़ के रायगढ़ से उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा और जनता के द्वारा निर्वाचित जनप्रतिनिधि बने.

जोगी ने अपनी ताकत तब दुनिया के सामने पेश की जब नवंबर 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओ को पीछे छोड़कर मुख्यमंत्री पद हासिल किया .उस समय प्रदेश में श्यामाचरण शुक्ल, विद्याचरण शुक्ल और मोतीलाल वोरा जैसे बड़े नेता सक्रीय थे जिनका कद देश की राजनीति में भी काफी बड़ा था.

महासमुंद लोकसभा सीट से वो पहली बार सांसद का चुनाव जीते थे 2004 से 2009 तक वे सांसद रहे ।

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