पटना: देश में इन दिनों लाउडस्पीकर हटाने को लेकर बवाल मचा हुआ है. उत्तर प्रदेश से उठा यह विवाद अब बिहार भी पहुंच गया है. बीजेपी नेताओं ने उत्तर प्रदेश की तरह बिहार में भी मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग की है. जिस पर घमासान मचा हुआ है. इस मामले पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का भी बयान सामने आया है. इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर उतरवाने और उनके उपयोग पर प्रतिबंध लगाने को फालतू बताया है. सीएम ने इसकी मांग करने वाले बीजेपी नेताओं को करारा जवाब दिया है.
सीएम नीतीश कुमार ने धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर उतरवाने और उनके उपयोग पर प्रतिबंध लगाने को फालतू बताया है. शुक्रवार को पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के आवास पर आयोजित ‘इफ्तार’ में शरीक होने के बाद कहा कि बिहार में लाउडस्पीकर हटाने का कोई मतलब नहीं है. इन चीजों से हम सहमत नहीं हैं. फालतू की चीज है. साथ ही सीएम ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर उतरवाने को लेकर जिसको जो भी कहना-करना है कहे. हम इससे सहमत नहीं हैं.
लाउडस्पीकर विवाद पर पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने भी सीएम नीतीश का समर्थन किया है. मांझी ने कहा कि वायु प्रदूषण रोकने के लिए प्रयास होने चाहिए, किसी को पीड़ा पहुंचाने के लिए लाउडस्पीकर उतराने नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कि लाउडस्पीकर-घंड़ी घंटा की राजनीति करने से कुछ नहीं होने वाला है. वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने इसकी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि जिन मुद्दों पर बात होनी चाहिए उन पर बात नहीं की जा रही है. जनता को दूसरी चीजों में गुमराह किया जा रहा है.
बता दें कि धार्मिक स्थल और लाउडस्पीकर विवाद पर जदयू नेता और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बड़ा बयान दिया है. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार में भाजपा के जो लोग भी सलाह दे रहे हैं उन्हें इस तरह की जानकारी होनी चाहिए कि बिहार में अकेले भाजपा की सरकार नहीं है. उन्होंने साफ लहजे में कह दिया कि बिहार में एनडीए की सरकार है और उस सरकार के मुखिया नीतीश कुमार हैं. जब तक सरकार के मुखिया नीतीश कुमार है तब तक बिहार में कुछ भी ऐसा नहीं होगा.
बतातें चलें कि यूपी में कोर्ट के ऑर्डर के बाद लाउड स्पीकर हटाया जा रहा है. अब बीजेपी के नेता भी बिहार में इसी तरह की मांग कर रहे है.मंदिर और मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने को लेकर मंत्री जनक राम ने कहा है कि कानून से बड़ा धर्म नहीं है. कानून से देश और प्रदेश चलता है. यूपी में ये कानून लागू हुआ है तो इसका असर बिहार में भी पड़ेगा. उन्होंने यहां तक कह दिया कि अगर बिहार में ये कानून आया तो यहां से भी हटेगा. क्योंकि ध्वनि प्रदूषण से बचने का यही उपाय है. हालांकि भाजपा नेताओं की मांग पर जेडीयू ने ऐतराज जताया है.