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बिहार के 22 जिलों तक सफलतापूर्वक विस्तृत हुआ आइए प्रेरित करें बिहार अभियान

अनूप नारायण सिंह 
पटना। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी व वर्तमान में बिहार सरकार गृह विभाग में विशेष सचिव विकास वैभव के द्वारा प्रारंभ किए गए आइए प्रेरित करें बिहार अभियान ने पूरे बिहार में एक नई क्रांति का सूत्रपात किया है 38 जिले तक विस्तृत इस अभियान के तहत 22 जिलों में युवा संवाद का आयोजन किया जा चुका है खुद आईपीएस विकास वैभव ने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से इसकी जानकारी दी है।
#LetsInspireBihar के अंतर्गत यात्रा तीव्रता के साथ गतिमान है ! आज *मुंगेर* में आयोजित हुए *युवा संवाद* के साथ बिहार के 22 जिलों में जुड़े युवाओं के साथ प्रथम भौतिक संवाद का कार्यक्रम संपन्न हो चुका है ! 22, मई को अरवल में कार्यक्रम निर्धारित है । अभी तक भिन्न-भिन्न अध्यायों से संबद्ध व्हात्सएप समूहों में 35,000 से अधिक व्यक्ति स्वैच्छिक रूप से अभियान से जुड़ चुके हैं तथा *पूर्वजों की दृष्टि से प्रेरित* और *शिक्षा, समता तथा उद्यमिता* के तीन मूल मंत्रों पर आधारित इस यज्ञ में योगदान समर्पित कर रहे हैं । 21 जिलों में हर प्रखंड में टीम बन चुकी है । अब समय इसे और तीव्रता प्रदान करने की है । बिहार के हर व्यक्ति तक पहुंचना है और बताना है कि बिहार की भूमि प्राचीन काल से ही ज्ञान, शौर्य एवं उद्यमिता की प्रतीक रही है । हम उन्हीं यशस्वी पूर्वजों के वंशज हैं जिनमें अखंड भारत के साम्राज्य को स्थापित करने की क्षमता तब थी जब न आज की भांति विकसित मार्ग थे, न सूचना तंत्र और न उन्नत प्रौद्योगिकी । यह हमारे पूर्वजों के चिंतन की उत्कृष्टता ही थी जिसने बिहार को ज्ञान की उस भूमि के रूप में स्थापित किया जहाँ वेदों ने भी वेदांत रूपी उत्कर्ष को प्राप्त किया । ज्ञान की परंपरा ने ही कालांतर में ऐसे विश्वविद्यालयों को स्थापित होते देखा जहाँ संपूर्ण विश्व के विद्वान अध्ययन हेतु लालायित रहते थे ।

उर्जा निश्चित आज भी वही है, आवश्यकता केवल चिंतन की है कि उर्जा का प्रयोग हम कहाँ कर रहे हैं ।
यदि पूर्वजों के कृतित्वों से हम प्रेरित होते हैं तो स्वयं की असीमित क्षमताओं के विषय में भी हमें स्पष्ट हो जाना चाहिए । आवश्यकता लघुवादों यथा जातिवाद, संप्रदायवाद आदि संकीर्णताओं से परे उठकर राष्ट्रहित में आंशिक ही सही परंतु कुछ निस्वार्थ सकारात्मक सामाजिक योगदान समर्पित करने की है । आइए, हम चिंता नहीं अपितु चिंतन करें, आपस में संघर्ष नहीं अपितु सहयोग करें, उज्ज्वलतम भविष्य हेतु हम मिलकर कुछ प्रयास करें ।

"पूर्व प्रेरणा करे पुकार, आओ मिलकर गढ़ें नव बिहार ।
नव चिंतन नव हो व्यवहार, लघु वादों से मुक्त हो संसार ।
ज्ञान परंपरा का विस्तार, दीर्घ प्रभाव का सतत् प्रसार ।
बृहतर चिंतन सह मूल्यों पर, आधारित युवा करें विचार । 

हो उठेगा जब संकल्पित सुदृढ़ मन, है संभव इच्छित हर परिवर्तन ।
निराश हो जो गिरे हैं बेमन, नहीं उन्हें सन्निहित शक्ति का स्मरण ।
शक्ति स्रोत जब समझ जाएगा यौवन, भला फिर कहाँ रहेगा दृष्टिभ्रम ।
जागृत कर असीम उर्जा रूप सघन, करेगा स्वतः प्रशस्त नव पथ सर्जन ।" 

(विकास वैभव)

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