मिथिला हिन्दी न्यूज :- भारतीय सिनेमा (Indian Cinema) के महान और दिवंगत फिल्म निर्माता सत्यजित रे (Satyajit Ray) की कल यानी 2 अप्रैल को जयंती है. यह सत्यजीत रे का 100वां जन्मदिन है. सत्यजीत रे की जन्म शताब्दी के मौके पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा खास आयोजन किए गए हैं. देश-विदेश में समारोह आयोजित कर मंत्रालय भारत के दिग्गज फिल्मकार को श्रद्धांजलि देगा. विदेश मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय भी इस आयोजन में अहम भूमिका निभाएंगे.सत्यजीत रे भारतीय सिनेमा के एकमात्र ऐसे नाम हैं जिन्हें वो सारे अवॉर्ड और सम्मान मिले, जिसे पाना, किसी सपने के सच होने जैसा है. 'पद्मश्री', 'पद्म विभूषण' से लेकर दादासाहेब फाल्के और ऑस्कर अवार्ड तक, हर तरह के पुरस्कार उन्हें मिले. इसके अलावा कुल 32 नेशनल अवॉर्ड उनके नाम हैं. 1992 में उन्हें भारत के सबसे प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाज़ा गया.आज हर फिल्ममेकर और एक्टर हॉलीवुड सिनेमा की तरफ अपना कदम बढ़ाना चाहता है लेकिन सत्यजीत रे का नाम उनमें से है जिसने हॉलीवुड ही नहीं दुनिया के बड़े फिल्मेमेकर्स उनसे प्रेरणा लेते हैं. हाल ही में हॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर क्रिस्टोफर नोलन भारत आए थे. इस दौरान उनसे जब भारतीय सिनेमा के बारे में बात की गई तो उन्होंने सत्यजीत रे का नाम लिया. उनका कहना था कि उन्होंने 'पाथेर पांचाली' देखी है और उसे देखने के बाद उनकी दिलचस्पी भारतीय सिनेमा में बढ़ गई. ईरानी फिल्मकार माजिद मजीदी ने भारत में आकर 'बियॉन्ड द क्लाउड्स' बनाई. सिनेमा के बारे में बातचीत करते हुए उन्होंने बताया, ''मैंने भारत के प्रसिद्ध निर्देशक सत्यजीत रे के जरिए भारतीय सिनेमा को जाना और मेरा सपना था कि मैं भारत में फिल्म बनाऊं.''सत्यजीत रे का जन्म 2 मई 1921 को कोलकाता के बंगाली परिवार में हुआ था. बचपन में ही उनके सिर से पिता का साया उठ गया. वो सिर्फ दो साल के थे जब 1923 में उनके पिता सुकुमार राय का निधन हो गया. उनकी मां सुप्रभा राय ने उनका पालन-पोषण अकेले ही किया. उन्होंने कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज से इकॉनोमिक्स की पढ़ाई की लेकिन बचपन से उनकी दिलचस्पी हमेशा फाइन आर्टस में रही. इसके बाद रे शांति निकेतन गए और वहां पांच साल रहे.