Alok verma nawada
नवादा : अतीश चंद्रा केंद्रीय प्रभारी पदाधिकारी आकांक्षी जिला कार्यक्रम अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक भारतीय खाद्य निगम मुख्यालय नई दिल्ली ने स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि, जल संसाधन, राजस्व ,कौशल विकास और आधारभूत संरचना के संबंध में अब तक किए गए प्रगति के संबंध में बिंदुवार समीक्षा किए थे । उन्होंने सभी उपस्थित अधिकारियों को नीति आयोग द्वारा दिए गए राशि को गुणवत्ता के साथ कार्यों में लगाने का निर्देश दिया गया था ।
संतोष कुमार नवनियुक्त जिला नियोजन पदाधिकारी को भी निर्धारित कार्यक्रमों को यथाशीघ्र संपन्न कराने का निर्देश दिया। 22 अप्रैल को सोशल मीडिया पर यह समाचार चल रहा था कि डीएम की प्रताड़ना से बेहोश हुए जिला योजना पदाधिकारी पटना रेफर जो बिल्कुल ही भ्रामक है ।
जिला अधिकारी के द्वारा जिला योजना पदाधिकारी को किसी प्रकार का कोई असंसदीय भाषा का प्रयोग नहीं किया गया है । नीति आयोग से संबंधित सभी अधिकारियों को ससमय गुणवत्ता पर कार्य करने का निर्देश दिया गया है, इसी कड़ी में जिला योजना पदाधिकारी नवादा को भी निर्देश दिया गया। सदर अस्पताल में ड्यूटी पर उपस्थित डॉक्टरों के द्वारा आयोजित जिला योजना अधिकारी की जांच की गई और उनके ही आग्रह पर उन्हें विशेष इलाज पटना रेफर किया गया था।
बताते चलें कि जिस दिन चिकित्सक द्वारा पटना रेफर किया गया। जिला योजना पदाधिकारी उस दिन चिकित्सा हेतु पटना नहीं गए ,बल्कि नवादा में ही आवास पर थे । इससे स्पष्ट होता है कि उसकी तबीयत बिल्कुल नॉर्मल थी। अगले दिन वह पटना जाकर पीएमसीएच के ओपीडी में पर्ची बनवाते हैं तथा पुनः वापस आकर ऑफिस ज्वाइन कर लेते हैं। इससे भी स्पष्ट होता है कि उनकी तबीयत बिल्कुल नॉर्मल थी। अगर जिला योजना पदाधिकारी की तबीयत इतनी खराब थी, तो 2 दिनों के अंदर बिल्कुल नॉर्मल होकर ऑफिस ज्वाइन करना आश्चर्यजनक है। उनके द्वारा एक सोची समझी रणनीति के तहत जिला प्रशासन की छवि को धूमिल किया गया तथा अपने कार्य में लापरवाही को ढकने का प्रयास किया गया। जो एक सरकारी पदाधिकारी के आचरण के बिल्कुल प्रतिकूल है।