मिथिला हिन्दी न्यूज :- 3 मई सन 1969 को पूर्व राष्ट्रपति ज़ाकिर हुसैन का निधन हुआ था। हैदराबाद में 18 फरवरी 1857 में जन्में ज़ाकिर हुसैन ( Zakir Hussain ) जब 8 साल के थे तभी उनके सिर से पिता का साया हमेशा के लिए उठा गया। जब ज़ाकिर अलीगढ़ में पढ़ रहे थे तब वे आज़ादी के आंदोलन में कूद पड़े। उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी और महात्मा गांधी की टोली में शामिल हो गए। महज 29 साल की उम्र में उन्हें जामिया मिलिया इस्लामिया का वाईस चांसलर बना दिया गया। गांधी जी ने उन्हें देश की बुनियादी शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने का ज़िम्मा सौंपा। इसके बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ( aligarh muslim university ) के कुलपति के तौर पर उन्होंने शानदार काम किया।डॉ. जाकिर हुसैन की तबियत अक्सर खराब रहा करती थी। तभी साल 1957 में जब प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू उनके पास बिहार के राज्यपाल पद का प्रस्ताव लेकर गए, तो उन्होंने तबियत खराब होने की वजह से पहले तो साफ़ मना कर दिया था, लेकिन बाद में नेहरू के आग्रह करने पर वे मान भी गए।
ऐसा भी बताया जाता है कि जाकिर हुसैन का हर दिन मेडिकल चेकअप हुआ करता था। ऐसे ही 3 मई 1969 की सुबह उनका फिर एक मेडिकल चेकअप होना था। ठीक पौने 11 बजे डॉक्टर उनका चेकअप करने पहुंच गए। तब उन्होंने कहा कि वो बाथरूम से वापस लौटकर चेकअप करवाएंगे, लेकिन जब आधे घंटे तक दरवाजा नहीं खुला, तो उनके असिस्टेंट ने उनका दरवाजा खटखटाया। लेकिन तब तक जाकिर हुसैन का निधन हो चुका था। उस समय उनके सम्मान में देश की सारी सरकारी इमारतों का तिरंगा झुका दिया गया था ।
तो दोस्तों, इस तरह हमारे देश का पहला मुस्लिम राष्ट्रपति अपना कार्यकाल भी ठीक से पूरा नहीं कर सका था। लेकिन उनकी देशभक्ति का जज्बा आज भी हमारी नई पीढ़ी को देश के लिए कुछ कर गुजरने की प्रेरणा देता है।