अपराध के खबरें

ऐसे गणितज्ञ जिनसे पढ़ने के लिए फर्श तक पर बैठ जाते हैं हजारों छात्र

अनूप नारायण सिंह 

पटना बिहार की राजधानी पटना प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए किसी हब से कम नहीं है पटना आने वाले छात्र एसएससी रेलवे बैंकिंग समेत तमाम प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करते हैं तो जाहिर सी बात है कि पटना में प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले शिक्षकों की भी भरमार होगी पर आज हम आपको एक ऐसे शिक्षक की कहानी बताने जा रहे हैं जो लगातार 35 वर्षों से छात्रों का मार्गदर्शन कर रहे हैं क्रेज ऐसा कि इनसे पढ़ने के लिए हजारों छात्र इन की कक्षाओं में फर्श तक पर बैठ जाते हैं। हम बात कर रहे हैं पटना के गणित के जादूगर आर एस राठौर सर की जिन का पूरा नाम है रविंद्र सिंह राठौर।लाखों छात्रों को विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं में दिलाई है सफलता गणित के है जादूगर।रविंद्र सिंह राठौर जिन्हें पूरा बिहार और देश गणित के जादूगर राठौर सर के नाम से जानता है। पटना में राठौर मैथमेटिक्स और राठौर क्लासेज के माध्यम से अब तक लाखों की तादाद में छात्रों को विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं में सफलता अर्जित करवा चुके है। बिहार के शिक्षा जगत में विगत तीन दशकों से सक्रिय राठौर सर ने गया में जीडी गोयनका विद्यालय की स्थापना की है तो पटना में नॉलेज ग्राम स्कूल विद्यालय की। मूल रूप से मधुबनी जिले के बेनीपट्टी निवासी राठौर सर से आज लंबी बातचीत हुई। वर्तमान शिक्षा पद्धति प्रतियोगिता परीक्षाओं में बिहारी छात्रों के साथ अन्याय विषम परिस्थितियों में ऑनलाइन शिक्षा का स्तर, कोविड काल में निजी शिक्षा क्षेत्र की बदहाल स्थिति। बिहार में शिक्षा की वर्तमान स्थिति समेत कई अहम मुद्दे शामिल थे। बातचीत के क्रम में उन्होंने बताया कि बिहार के छात्रों में सबसे बड़ी चीज होती है सीखने की ललक कठिन परिश्रम यही कारण है कि विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं में सबसे ज्यादा सफलता प्राप्त करने वाले बच्चों में बिहार के बच्चों की तादाद होती है। अपने शिक्षक जीवन की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि उनके पढ़ाने का तरीका छात्रों को बहुत भाता है गणित को इतनी सुगमता के साथ पढ़ाते हैं कि छात्र कठिन से कठिन सवालों का हल चुटकी बजाते छात्र निकाल लेते हैं गणित को कभी भी उन्होंने छात्रों को चुनौतीपूर्ण नहीं बताया गणित अभ्यास का विषय है तकनीक का विषय है और जो छात्र सतत अभ्यास करते हैं उन्हें सफलता भी मिलती है राठौर क्लासेज की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि उनके संस्थान में प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कराने की एक्सपर्ट टीम है और यही कारण है कि पिछले तीन दशकों से बिहार ही नहीं पूर्वोत्तर भारत में सर्वाधिक सफलता दिलाने वाला संस्थान उनका ही है। मौजूदा हालात की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अब डरने की जरूरत नहीं है स्थितियां सामान्य हो रही है भारी तादाद में सरकारी नौकरियों की वैकेंसी आ रही है छात्रों को भ्रम में रहने की जरूरत नहीं है उन्हें अपनी तैयारी को चरणबद्ध तरीके से निरंतरता के साथ आगे बढ़ाना है। कुरौना की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि टीका आ जाने के बाद अब यह एक सामान्य बीमारी की तरह ही होने वाला है लेकिन सतर्कता के साथ सजगता भी जरूरी है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरियों की बालियां निरंतर चल रही है या रुकने वाली नहीं है संकटकाल में ऑफलाइन क्लास बंद है ऑनलाइन क्लास चल रहे हैं लेकिन कभी भी ऑनलाइन क्लास ऑफलाइन क्लास का स्थायी विकल्प नहीं हो सकते हैं क्योंकि ऑफलाइन क्लास में स्टूडेंट फिजिकल टीचर और सब्जेक्ट से जुड़े रहते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार ज्ञान-विज्ञान क्रांति की भूमि है यहां के लोग ठान लेते हैं तो पहाड़ का सीना चीर देते हैं। बाधा पर विजय प्राप्त करना बिहारियों का जन्मसिद्ध अधिकार है कठिन से कठिन प्रतियोगिता परीक्षाओं में बिहार के छात्रों की सफलता दर सबसे ज्यादा इस कारण से होती है कि यहां के बच्चे अपने लक्ष्य के प्रति सजग होते हैं कठिन परिश्रम करते हैं एक शिक्षक के तौर पर उन्हें खुशी होती है कि आज देश का शायद ही कोई ऐसा प्रांत होगा जहां उनके बच्चे रेलवे एसएससी या अन्य सरकारी नौकरियों में भारी तादाद में नहीं हो। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बिहार में नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय हुए । बिहार में वह खोया गौरव वापस लाना है जिसके लिए सभी को मिलजुलकर सतत प्रयास करने की जरूरत है एक शिक्षक सदैव चाहता है कि उसके सभी बच्चे छात्र सफलता को प्राप्त करें वह समाज के नव निर्माण की भावना रखता है विकास को गति देता है।

إرسال تعليق

0 تعليقات
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

live