दरअसल, भारत के सफल परमाणु परीक्षण के बाद पूरी दुनिया हैरान रह गई थी और सरकार से कई सवाल किए जा रहे थे। संसद में इसका जवाब देते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपना इरादा साफ कर दिया था। 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन 1998 के पोखरण परमाणु परीक्षणों की वर्षगांठ तथा अंतरिक्ष में भारत की तकनीकी प्रगति का प्रतीक है।इन सफल परीक्षणों के बाद तात्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा- 'आज, 15.45 बजे भारत ने पोखरण रेंज में अंडरग्राउड न्यूक्लियर टेस्ट किया'।
अटल खुद धमाके वाली जगह पर गए थे। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने टेस्ट के सफल होने की घोषणा की थी।
बाद में कलाम ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उस समय भारत पर अंतरराष्ट्रीय दबाव काफी ज्यादा था, लेकिन तत्कालीन पीएम वाजपेयी ने तय किया था कि वह आगे बढ़कर परीक्षण करेंगे। आपको बता दें कि र्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की अगुआई में मिशन को अंजाम दिया गया था।