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एईएस पर प्रधानाध्यापकों के लिए उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन

- जिला एईएस टेक्नीकल सेल द्वारा कराया गया प्रशिक्षण

- एईएस के लक्षण व बचाव के बारे में हुई विस्तृत चर्चा

प्रिंस कुमार 
मोतिहारी, 05 मई। जिला स्वास्थ्य समिति के निर्देशानुसार  चमकी बुखार/ एईएस से बचाव को लेकर सभी प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, चिकित्सकों, आशा, एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के प्रशिक्षण के बाद अब एईएस जिला टेक्नीकल सेल के द्वारा विभिन्न प्रखंडों के  प्रधानाध्यपकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। चकिया, पकड़ीदयाल के बाद इसी कड़ी में गुरुवार को मधुबन प्रखंड के सभी प्रधानाध्यापकों के लिए चमकी को धमकी अभियान के तहत उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित की गयी। डीवीबीसीसीओ कार्यालय के एईएस टेक्नीकल सेल के वीबीडीसी कंसल्टेंट अभिषेक कुमार एवं वीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार के द्वारा संयुक्त रूप से सभी उपस्थित प्रधानाध्यापकों का उन्मुखीकरण किया गया। जिसमे एईएस रोग के लक्षण एवं बचाव के सभी पक्षों पर विस्तृत चर्चा की गई। साथ ही चमकी से बचाव के बारे में अवगत कराया गया।

चमकी से बचाव के लिए इन नियमों का करें पालन:
उन्मुखीकरण में चमकी से बचाव के लिए इन नियमों का पालन करने के लिए लोगों को जागरूक करने की बातें बताई गई। पहला खिलाओ, दूसरा जगाओ और तीसरा अस्पताल ले जाओ। इसी के तहत बच्चों को रात में बिना खिलाए नहीं सुलाने, सुबह में जगाने और लक्षण महसूस होने पर तुरंत स्थानीय और नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान ले जाने के लिए सामुदायिक स्तर पर प्रधानाध्यापक लोगों को जागरूक करें। प्रशिक्षकों ने बताया कि बच्चों को एईएस से बचाने के लिए माता-पिता को भी बच्चों का ध्यान रखना होगा।

चमकी से बचाव के तरीके:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ शरतचन्द्र शर्मा ने बताया कि बच्चे रात में खाली पेट न सोएं। बेवजह धूप में निकलें। कच्चे आम, लीची व कीटनाशकों से युक्त फलों का सेवन न करें। उन्होंने बताया कि चमकी बुखार से बचाव को जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है। साथ ही मेडिकल टीमों को जन जागरूकता व मेडिकल व्यवस्था के साथ तैयार रहने का निर्देश दिया गया है। बच्चों के माता-पिता अपने शिशु के स्वास्थ्य के प्रति अलर्ट रहें। समय-समय पर देखभाल करते रहें। बच्चों को मौसमी फलों, सूखे मेवों का सेवन करवाएं। उनके हाथों व मुँह की साफ सफाई पर विशेष ध्यान दें। छोटे बच्चों को मां का दूध पिलाना बेहद आवश्यक है।  
मौके पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी इंद्रजीत कुमार, बीसीएम ब्रजकिशोर प्रसाद, बीईओ ललन कुमार पांडे, नित्यम कुमार गौरव ,अरुण कुमार, अमरेश कुमार प्रीतेश सहित कई प्रधानाध्यापक मौजूद थे।

चमकी बुखार/ एईएस के लक्षण : 
- लगातार तेज बुखार रहना। 
- बदन में लगातार ऐंठन होना। 
- दांत पर दांत दबाए रहना। 
- सुस्ती चढ़ना। 
- कमजोरी की वजह से बेहोशी आना। 
- चिउटी काटने पर भी शरीर में कोई गतिविधि या हरकत न होना आदि।

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