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बिहार में अज्ञात बीमारी के कारण अब तक 4 की मौत दहशत में है लोग

संवाद 


बिहार के गया जिले के भदवर थाना क्षेत्र के भदवर गांव में एक सप्ताह के अंदर चार लोगों की अज्ञात बीमारी से मौत हो गयी है. मृतकों में तीन महिलाएं व एक पुरुष शामिल हैं. दो दिनों के बीच तीन लोगों की मौत हो गयी. इनमें शुक्रवार को दो सगी बहनों की मौत हो गयी थी. मृतकों की उम्र 35 से 55 वर्ष तक के है. बीमारी का पता नहीं चल पाने से ग्रामीण गांव छोड़ कर भागने का मन बना रहे हैं. हालांकि, शनिवार को मामले की जानकारी मिलने पर मेडिकल टीम ने भदवर गांव पहुंच कर बीमारी से ग्रसित दो लोगों के रक्त के नमूने लिये हैं. मरनेवालों में अनरवा देवी पति स्वर्गीय बाल गोविंद भुइंया, प्रेमनी देवी पति इंद्र भुइंया, सिरू पिता फगुनिया भुइंया व उर्मिला देवी पति रामलाल भुइंया शामिल हैं.

दहशत में ग्रामीण गांव छोड़ने को तैयार : उर्मिला देवी अपनी बहन की मौत की सूचना के बाद अपने घर छकरबंधा केनुआटांड से भदवर शुक्रवार की सुबह ही पहुंची थी. शनिवार की अहले सुबह इसकी मौत हो गयी. मौत के कारणों का पता नहीं चल रहा है. पीड़ित परिजन में दहशत का माहौल है और लोग किसी अनहोनी से बहुत भयभीत हैं. प्रेमनी देवी के पति इंद्र भारती ने बताया कि अचानक चक्कर आने के बाद लोग बेहोश हो जाते हैं और उसके बाद होश नहीं आता है. सोनी देवी और राधिका देवी भी शनिवार की सुबह बेहोश हो गयी. हालांकि, झाड़-फूंक कराने से दोनों ठीक हो गयीं. ग्रामीण दहशत के माहौल में जी रहे हैं. इस संबंध में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डुमरिया के चिकित्सा पदाधिकारी धर्मवीर कुमार ने बताया कि सुबह में मेडिकल की एक टीम को गांव में भेजा गया था और दो लोगों के रक्त के नमूने लिये गये हैं. इसके बाद स्वयं उक्त गांव का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने बताया कि दो पीड़ित लोगों काे सैंपल लिया गया है. बीमारी का पता लगाया जा रहा है.

गांव में हैं 80 घर : भदवर गांव के महादलित टोले में करीब 80 घर हैं. यहां के लोगों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. किसी तरह लोग अपना जीवन-यापन कर रहे हैं. ग्रामीण रामाशीष, जोगिंदर, मुनारीक भारती, श्रीदेवी आदि ने बताया कि अज्ञात बीमारी का पता नहीं चलने से लोग सहमे हैं और पलायन करने का मन बना रहे हैं. इधर, हम के प्रखंड अध्यक्ष श्यामसुंदर भारती ने कहा कि भदवर गांव में चिकित्सा की सुविधा होनी चाहिए, जिससे लोगों को समय पर इलाज मिल सके. वर्तमान में लोग जिंदगी बचाने के लिए स्वयं ही कई तरह के उपाय करने पर मजबूर हैं.

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