मिथिला हिन्दी न्यूज :- मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर राजनीतिक सफर दिलचस्प भरा रहा है। अपने जीवन यापन के लिए उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ से गौर ने मध्यप्रदेश की ओर रुख किया था। बाबूलाल का भाजपा के बड़े नेता के रूप में मध्यप्रदेश की राजनीति में प्रमुख स्थान रहा है। बाबूलाल गौर का जन्म उत्तर प्रदेश के नौगीर गांव में दो जून, 1930 में हुआ था। गौर के पिता राम प्रसाद यादव भी पहलवान थे। बाबूलाल का असली नाम बाबूराम यादव था। स्कूल की एक घटना के बाद उनका नाम बाबूलाल गौर पड़ गया। दरअसल उनकी कक्षा में दो बाबूराम यादव और भी थे। तो जब भी टीचर किसी बाबूराम को बुलाती थी तो सबको दुविधा होने लगती थी।तब उनकी टीचर ने कहा कि जो भी उनकी बात को गौर से सुनेगा वो उसका नाम बाबूराम गौर रख देंगी। तब उन्होंने टीचर के सवाल का सही जवाब दिया और उनका नाम बाबूराम यादव से बाबूलाल गौर पड़ गया। इसके बाद जब बाबूराम भोपाल गए तो लोगों ने उन्हें बाबूलाल गौर कहना शुरू कर दिया। तब से उनका नाम बाबूलाल गौर पड़ गया।
निर्दलीय विधायक से सीएम तक
1974 में वह भोपाल से निर्दलीय चुनाव जीते और यहीं से उनके राजनीतिक सफर की शुरुआत हुई। 1974 के बाद से वह लगातार यहां से चुनाव जीतते रहे। वह मार्च 1990 से 1992 तक मध्य प्रदेश के स्थानीय शासन, विधि एवं विधायी कार्य, संसदीय कार्य, जनसंपर्क, नगरीय कल्याण, शहरी आवास तथा पुनर्वास एवं भोपाल गैस त्रासदी राहत मंत्री रहे।