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युगपुरुष थे बाबू लगन देव सिंह: निखिल कुमार

अनूप नारायण सिंह 
सोनपुर। राजा बाबू के नाम से मशहूर बाबू लगन देव सिंह जैसे व्यक्तित्व और कृतित्व के धनी लोग सदैव अनुकरणीय होते हैं उनके बताए हुए मार्ग पर चलकर ही समाज को समृद्ध किया जा सकता है यह बातें आज सोनपुर के बरबट्टा में बाबू लगन देव सिंह स्मृति सभा को संबोधित करते हुए नागालैंड के पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार ने कही उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को बाबू लगन
देव सिंह जैसे लोगों के विचारों से सीखने की जरूरत है। इससे पहले उन्होंने बाबू लगन देव सिंह के तैल चित्र पर माल्यार्पण किया इस अवसर पर आयोजन समिति के प्रमुख वरीय अधिवक्ता तथा भाजपा नेता ओम कुमार सिंह ने स्मृति चिन्ह और साल देकर पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार का स्वागत किया। इस अवसर पर कुंवर दीप कुमार सिंह ,युवराज सिंह, राज सिंह, ऋतुराज सिंह समेत बाबू लगन देव सिंह के परिवार के सभी सदस्य उपस्थित थे। यूं तो सोनपुर के राजा साहब के नाम से प्रसिद्ध प्रख्यात समाजवादी चिंतक बाबू लगन देव सिंह की जयंती प्रतिवर्ष गंगा दशहरा के दिन मनाई जाती है बाबू लगन देव सिंह जी ने सोनपुर के विकास के लिए बड़ा योगदान दिया पूरे इलाकों में दर्जनों गांव बसाया भूमिहीनों को जमीन दिया गरीबों के लिए मसीहा थे कई सारी कहानियां उनके बारे में प्रसिद्ध है। लगन देव बाबू इंदिरा गांधी के काफी करीबी थे बिहार में उनका एक बड़ा कद था। दानवीरता में उनका कोई जोड़ नहीं था जो उनके दरवाजे पर जाता था कोई खाली हाथ वापस नहीं आता था जिसने जो कुछ मांगा वह देते थे। सोनपुर मेले के उत्थान से लेकर सोनपुर में सरकारी कार्यालयों के निर्माण सोनपुर के विकास में उनका अहम योगदान था। आजीवन किंग मेकर की भूमिका में रहे कभी कोई राजनीतिक पद की लालसा नहीं थी कई सारे लोगों को उन्होंने राजनीति में बड़ा पद दिलवा या पर खुद के लिए कुछ नहीं मांगा खुद राजा की तरह लोगों के सुख दुख में सहयोगी बनते रहे।स्व. लगन देव बाबू के पुत्र वरिष्ठ अधिवक्ता ओम कुमार सिंह, कुवर दीप कुमार सिंह ने पिता की परंपरा को आगे बढ़ाया लोगों के सुख-दुख के भागी बनते रहें हैं।सोनपुर ही नहीं पूरे इलाके में कहीं भी आप राजा साहब की चर्चा करें तो लोग जरूर कहेंगे लगन देव बाबू राजा तो नहीं थे पर राजा से कम भी नहीं थे। राजा साहब का नामकरण देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने लगन देव बाबू के लिए किया था उनकी दानशीलता की कहानियां आज भी गांव गांव में कई सुनी जाती है।सैकड़ो गरीब कन्याओं की शादियां कराई भूमिहीनों के लिए अपनी जमीन में गांव बसा दिया बिना किसी पद पर रहते हुए इलाके में कई सारे जन कल्याणकारी कार्य की जिस कारण उनकी यश व कीर्ति आज भी कायम है।

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