राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के नामांकन के दौरान हुए एक वाकये ने दिल्ली से लेकर बिहार तक के सियासी गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है. द्रौपदी मुर्मू के नामांकन के दौरान नेताओं की भारी भीड़ जुटी थी. बीजेपी के तमाम दिग्गज नेता मौजूद थे. कई सीएम वहीं थे. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निगाहें जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह पर खास तौर पर पड़ी. प्रधानमंत्री ने भरी भीड़ में पुकारा-ललन जी, आप आगे आओ. तीसरी कतार में बैठे ललन सिंह जब आगे आये तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें पास बिठा लिया. इस वाकये तो बीजेपी ही नहीं बल्कि उसकी सहयोगी पार्टियों के नेता भी देख रहे थे. इसके बाद से चर्चाओं का बाजार गर्म है।
ललन सिंह को खास तवज्जो
राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के नामांकन के दौरान आज नेताओं की भीड़ संसद में इकट्ठा थी. जब द्रौपदी मुर्मू नामांकन करने पहुंची तो उनके साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा अगली कतार में बैठ गये. बीजेपी के कई केंद्रीय मंत्री औऱ कई राज्यों के मुख्यमंत्री दूसरी-तीसरी कतार में बैठे थे. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी तीसरी कतार में ही थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निगाहें इधर-उधर घूम रही थीं. उन्होंने जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को पीछे बैठे देखा तो उनका नाम लेकर पुकारा. उन्हें आगे बुलाया पहली लाइन में लगी कुर्सियों पर अपनी कुर्सी से एक कुर्सी बाद बीजेपी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के बगल में बिठाया. यानि नामांकन के दौरान पहली पंक्ति में मुर्मू के साथ पीएम मोदी के अलावा गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नड्डा और ललन सिंह ही बैठे. दूसरे केंद्रीय मंत्री और कई राज्यों के मुख्यमंत्री दूसरी-तीसरी कतार में बैठे रहे।
चर्चाओं का बाजार
बीजेपी के एक नेता ने बताया कि एनडीए में शामिल दलों में सांसदों के लिहाज से बीजेपी के बाद जेडीयू ही है. ऐसे में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष को आगे बिठाना असमान्य बात नहीं है. लेकिन दिग्गजों की भरी महफिल में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये लहजा चर्चा का विषय बन गया. उन्होंने ललन जी का नाम लेकर न सिर्फ बुलाया बल्कि खुद अपने बगल में बिठाया।
तो क्या ललन सिंह की लॉटरी लगेगी
बता दें कि ललन सिंह केंद्र सरकार में मंत्री बनने के प्रबल दावेदार थे. लेकिन 2021 में हुए मंत्रिमंडल विस्तार में ललन सिंह के बजाय जेडीयू कोटे से आरसीपी सिंह मंत्री बना दिये गये. सूत्र तो ये भी बताते हैं कि जेडीयू ने जब ललन सिंह को मंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया था तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें मंत्री बनाने को राजी नहीं हुए. बीजेपी ने कहा था कि पूर्व आईएएस आरसीपी सिंह बेहतर मंत्री साबित हो सकते हैं इसलिए उन्हें ही मंत्री बनायेंगे।
आरसीपी सिंह के मंत्री बनने के बाद ही ललन सिंह ने उन्हें निपटाने की मुहिम शुरू कर दी थी. इसके बाद जेडीयू में घमासान शुरू हुआ. आरसीपी सिंह को दुबारा राज्यसभा ही नहीं भेजा गया. राज्यसभा सांसद के तौर पर उनका कार्यकाल कुछ दिनों बाद समाप्त हो रहा है. जाहिर है उसके बाद आरसीपी सिंह मंत्री नहीं रह पायेंगे. चर्चा ये हो रही है कि क्या ललन सिंह केंद्र में मंत्री बनाये जायेंगे. क्या बीजेपी का ललन सिंह के प्रति रवैया बदल गया है. मोदी मंत्रिमंडल के अगले विस्तार में ललन सिंह को मंत्री बनाये जाने की चर्चाओ को आज के वाकये से बल मिला है।