मिथिला हिन्दी न्यूज :- असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के चार विधायकों के पाला बदलते ही बिहार में राजद अब सबसे बड़ी पार्टी फिर से बन गई है. अब आरजेडी के विधानसभा में 80 विधायक हो गए हैं. बीजेपी 77 विधायकों के साथ दूसरे नंबर की पार्टी हो गई है. कुछ महीने पहले ही वीआईपी के तीन विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद बीजेपी जो सबसे बड़ी पार्टी बन गई थी, मगर वह अब फिर दूसरे नंबर की पार्टी हो गई है.2020 में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद 75 विधायकों के साथ आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। उपचुनाव में एक सीट पर जीत मिलने के बाद आरजेडी के विधायकों की संख्या 76 हो गई। इसी साल मार्च महीने में बीजेपी ने मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को तोड़कर उसके तीनों विधायकों को अपने खेमे में शामिल कर दिया था। इसके बाद आरजेडी को पीछे छोड़कर बीजेपी 77 विधायकों के साथ बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बन गई।पिछले कुछ दिनों से तेजस्वी यादव आरजेडी को फिर से नंबर वन पार्टी बनाने की कवायद में जुटे थे। इसके लिए वे एआईएमआईएम के नेताओं के संपर्क में थे। तेजस्वी एआईएमआईएम का अपनी पार्टी में विलय करवाना चाहते थे। हालांकि, बिहार में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के पांच में से चार विधायक तो मान गए, लेकिन एक विधायक अख्तरुल ईमान जो AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं; आरजेडी में जाने के लिए राजी नहीं हुए।
जो विधायक AIMIM छोड़कर आरजेडी में शामिल हुए हैं, उनके नाम शाहनवाज, मोहम्मद अनजर नईमी, मोहम्मद इजहार असफी और सैयद रुकनुद्दीन हैं। इनके आने के बाद आरजेडी के कुल विधायकों की संख्या 80 हो गई है।