अनूप नारायण सिंह
पटना। दक्षिण भारतीय फिल्में हों, हिंदी फिल्में हों या कोई और भारतीय भाषा की फिल्में क्या फर्क पड़ता है। सभी फिल्में हैं तो भारतीय ही। मेरे पिता आर्मी में थे और वहां मराठी, बिहारी, बंगाली, पंजाबी, गुजराती नहीं केवल भारतीय शब्द ही सुना और समझा। इसलिए मेरी नजर में कोई अंतर नहीं है। फिल्म बस फिल्म है और दर्शक उसे देखते हैं। मैंने खुद अपने करियर की शुरुआत दक्षिण की फिल्मों से की लेकिन हिंदी फिल्मों में भी प्यार और अपनापन मिला। यह बात हिंदी फिल्म जगत के सुपर स्टार विधुत जामवाल ने पटना आगमन पर मीडिया से हुई मुलाकात में कही। मंगलवार को विधुत जामवाल 8 जुलाई को प्रदर्शित होने वाली फिल्म ‘ खुदा हाफिज : चैप्टर 2- अग्नि परीक्षा ’ के प्रमोशन के लिए आए थे। विधुत के साथ इस फिल्म के निर्देशक व लेखक फारुक कबीर भी आए थे। होटल द पनास, पटना में उन्होंने मीडिया से चर्चा भी की और अपने फैंस के साथ फोटोशूट भी कराया।
विधुत जामवाल ने फिल्म के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस फिल्म में अभिनय करना उनके लिए बेहद खास अनुभव रहा क्योंकि फिल्म केवल एक्शन पर आधारित नहीं बल्कि इमोशन से भी भरी है। इसमें प्यार भी है और प्यार है तो लड़ाई तो होगी ही।
फारुक कबीर बताते हैं कि इस फिल्म का एक गीत रुबरु हजरत निजामुद्दीन ओलिया की दरगाह पर फिल्माया है और वहां यह गीत इसलिए फिल्माया क्योंकि हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के तमाम रागों में से 8 राग की उत्पत्ति वहीं से हुई थी। जहां कि बात अलग-अलग भाषा और क्षेत्र के फिल्मों की है तो उनमे कोई अंतर नहीं बचा।
शिवालिका ओबेरॉय कहती है कि इस फिल्म के जरिए वे समाज को नारी सशक्तिकरण का संदेश दे रही हैं। फिल्म की शूटिंग को लेकर मुझे थोड़ा डर था लेकिन विद्युत जामवाल, फारुक कबीर और टीम के अन्य सदस्यों के सहयोग से मैं अपना शत प्रतिशत फिल्म में दे सकी।
विधुत जामवाल और शिवालिका ओबेरॉय अभिनीत, आगामी फिल्म के मुख्य पात्र समीर और नरगिस की कहानी को रेखांकित करती है, जिन्हें परिस्थितियों और समाज द्वारा चुनौती दी जाती है। 8 जुलाई 2022 को सिनेमाघरों में रिलीज होने के लिए तैयार, फारुक कबीर द्वारा निर्देशित यह फिल्म की घोषणा से ही लोगों में उत्साह भर गया। कुछ दिन पहले निर्माताओं ने एक एक्शन से भरपूर फिल्म का ट्रेलर रिलीज़ किया हैं जिसमे दिखाया गया है की कैसे सच्चे प्यार को अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ता है।