मिथिला हिन्दी न्यूज पटना।बेगूसराय जिला दो अक्टूबर 1972 को अस्तित्व में आया। मुंगेर प्रमंडल के अनुमंडल के रूप में 1870 में बेगूसराय अस्तित्व में आया। काफी दिनों बाद 1972 में यह जिला बना। यह मुंगेर प्रमंडल के अंतर्गत ही आता है। इसे मिथिला का हिस्सा माना जाता है। खास बात यह कि इस जिले की सीमाएं राजधानी पटना से जुड़ती हैं। इसे वामपंथी राजनीति का बड़ा केंद्र माना जाता है। भागलपुर के नबाव की बेगम को सिमरिया का तट काफी प्रिय लगता था। वे यहां हर वर्ष आती थीं और महीना भर यहां के गंगा तट पर प्रवास करती थीं। वे जहां रुकती थीं उसे सराय कहा जाता था। कहानी है कि बेगम और सराय मिलाकर इसका नाम पहले बेगम सराय हुआ करता था जो बाद में बेगूसराय हो गया। करीब 1918 वर्गकिलोमीटर में फैले बेगूसराय जिले में पांच अनुमंडल बेगूसराय, बलिया, तेघरा, मंझौल और बखरी हैं। प्रखंडों की संख्या 18 है। इनमें बेगूसराय, बरौनी, तेघरा, मटिहानी, खोदाबंदपुर, बछवारा, नावकोठी, मंसूरचक, साहेबपुर कमाल, चेरिया बरियारपुर, बखरी, डंडारी, बीरपुर, गढ़पुरा, बलिया, छौड़ाही, भगवानपुर और साम्हो हैं। बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत सात विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें चेरिया बरियारपुर, तेघरा, मटिहानी, बछवाड़ा, साहेबपुर कमाल, बेगूसराय और बखरी है। आबादी की बात करें तो 2011 की जनगणना के अनुसार 29 लाख 70 हजार 541 है। यह बिहार की जनसंख्या का करीब तीन प्रतिशत है। इनमें करीब 16 लाख पुरुष और 14 लाख महिलाएं हैं। साक्षरता दर भी करीब 60 प्रतिशत है। महिला साक्षरता दर कम है। जिले की अर्थव्यवस्था मूल रूप से कृषि पर निर्भर है। धान, गेहूं, उड़द, अरहर, मसूर आदि यहां की प्रमख फसलें हैं। इसके अलावा तंबाकू, जूट आलू, मिर्च की खेती भी बड़े पैमाने पर होती है। यहां इंडियन आयल कारपोरेशन लिमिटेड की रिफाइनरी, बरौली थर्मल पावर और सुधा डेयरी प्रमुख उद्योग हैं। इसके अलावा कई छोटे-बड़े उद्योग यहां हैं। गंगा किनारे बसे बेगूसराय को कर्मभूमि बनाने वाले श्री बाबू बिहार के मुख्यमंत्री बने। रामचरित्र सिंह पहली सरकार के मंत्री बने थे। रामधारी सिंह दिनकर राज्यसभा के सदस्य हुए। वामपंथी राजनीति का बड़ा केंद्र माना जाता है। इसे बिहार का लेनिनग्राद कहा जाता है। वामपंथी नेता चंद्रशेखर का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। तेघरा और बछवारा विधानसभा क्षेत्र को वामपंथियों का गढ़ कहा जाता था। एक समय तेघड़ा विधानसभा को छोटा मास्को तक कहा जाता था। कई दशक तक यहां से वामपंथी नेता ही चुनाव जीतते रहे। बाद में बीजेपी ने उनके गढ़ में सेंध लगाई। कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार, सिक्किम के पूर्व राज्यपाल बाल्मीकि प्रसाद सिंह जैसे कई नेताओं ने यहां से उठकर राजनीति में अपना स्थान हासिल किया है।
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Know Your District: बेगम सराय से बेगूसराय तक का सफर, नमक सत्याग्रह और वामपंथ का बड़ा केंद्र
Know Your District Begusarai मुंगेर प्रमंडल के अंतर्गत आने वाला बेगूसराय राजनीतिक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से काफी समृद्ध जिला माना जाता है। गंगा किनारे बसा यह जिला राष्ट्रकवि दिनकर की भूमि है। यहां का कावर झील विश्वप्रसिद्ध है।
Vyas Chandra
Publish:Fri, 22 Jul 2022 12:51 PM (IST)
Updated:Fri, 22 Jul 2022 03:00 PM (IST)
Know Your District: बेगम सराय से बेगूसराय तक का सफर, नमक सत्याग्रह और वामपंथ का बड़ा केंद्र
Know Your District: बेगम सराय से बेगूसराय तक का सफर, नमक सत्याग्रह और वामपंथ का बड़ा केंद्र
पटना, आनलाइन डेस्क। Know Your District: राष्ट्रकवि दिनकर (Rashtrakavi Ramdhari Singh Dinkar) की भूमि। सिमरिया (Simaria) जैसा तीर्थ स्थान। वामपंथ का केंद्र। प्रवासी पक्षियों (Migratory Birds) का ठिकाना विशाल कावर झील। जी हां, हम बात कर रहे हैं बेगूसराय जिले (Begusarai District) की। गंगा के उत्तरी किनारे पर स्थित बेगूसराय जिला दो अक्टूबर 1972 को अस्तित्व में आया। मुंगेर प्रमंडल के अनुमंडल के रूप में 1870 में बेगूसराय अस्तित्व में आया। काफी दिनों बाद 1972 में यह जिला बना। यह मुंगेर प्रमंडल के अंतर्गत ही आता है। इसे मिथिला का हिस्सा माना जाता है। खास बात यह कि इस जिले की सीमाएं राजधानी पटना से जुड़ती हैं। इसे वामपंथी राजनीति का बड़ा केंद्र माना जाता है।
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बेगूसराय नाम का क्या है मतलब
बताया जाता है कि भागलपुर के नबाव की बेगम को सिमरिया का तट काफी प्रिय लगता था। वे यहां हर वर्ष आती थीं और महीना भर यहां के गंगा तट पर प्रवास करती थीं। वे जहां रुकती थीं उसे सराय कहा जाता था। कहानी है कि बेगम और सराय मिलाकर इसका नाम पहले बेगम सराय हुआ करता था जो बाद में बेगूसराय हो गया।
बेगूसराय की प्रसिद्ध विभूतियां
रामधारी सिंह दिनकर: वीर रस के कवि रामधारी सिंह दिनकर का जन्म बेगूसराय जिले के सिमरिया में हुआ था। 24 सितंबर 1908 को इनका जन्म हुआ था। कुरुक्षेत्र, उर्वशी, संस्कृति के चार अध्याय, रश्मिरथी, द्वंद्व गीत, रेणुका समेत कई अमर रचनाओं से वे अमर हो गए। उनकी रचनाएं आज भी मन में जोश भर देती हैं।
श्रीकृष्ण सिंह : वर्ष 1930 में अंग्रेजी सरकार के नमक कानून के विरोध में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आंदोलन में बेगूसराय की अहम भूमिका रही। बिहार केसरी और राज्य के पहले सीएम श्रीकृष्ण सिंह ने बेगूसराय के गढ़पुरा में कानून भंग किया।
प्रो. रामशरण शर्मा: प्रसिद्ध इतिहासकार प्रो रामशरण शर्मा यहीं के थे। इंडियन काउंसिल आफ हिस्टॉरिकल रिसर्च के संस्थापक अध्यक्ष रहे प्रो. शर्मा की पुस्तकें इतिहास के छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। सर्वश्रेष्ठ किसान और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में सम्मानित राजेंद्र प्रसाद सिंह का जन्म भी बेगूसराय में हुआ था।
आईपीएस विकास वैभव: देश के चर्चित आईपीएस अधिकारियों में शुमार श्री विकास वैभव बेगूसराय के बीहट के माटी के लाल हैं वर्तमान में बिहार सरकार गृह विभाग में विशेष सचिव है श्री वैभव आइए प्रेरित करें बिहार अभियान के माध्यम से बिहार में बदलाव की एक बड़ी लकीर खींच रहे हैं। इंजीनियरिंग के छात्र रहे श्री वैभव इतिहास पुरातत्व और साहित्य के सशक्त हस्ताक्षर है