मिथिला हिन्दी न्यूज :- बिहार में भयंकर सूखा पड़ने वाला है।बिहार के अधिकांश हिस्सों में पेयजल की भयावह किल्लत है, जिसके चलते सरकार को टैंकरों की मदद से लोगों तक पहुंचाना पड़ रहा है। बिहार के विभिन्न शहर में रोज करीब 30 टैंकर पानी की सप्लाई की जा रही है। इसी तरह अन्य इलाकों में भी सरकारी स्तर पर पानी की आपूर्ति करनी पड़ रही है।बिहार में सरकारी और निजी तालाबों की संख्या दो दशक पहले तक 2.5 लाख थी जो अब घट कर 98401 हो गई है।खरीफ फसल में हुए भारी नुकसान के झटके से उबर ही नहीं पाये हैं कि उन्हें रबी फसलों की उपज में कमी का सामना करना पड़ रहा है. सूखे के कारण रबी के मौसम में खेती के लिए प्रयुक्त भूमि और उत्पादन में कमी आयी है. सालों के कमजोर मॉनसून के कारण इस वर्ष अप्रैल से जून के बीच बिहार के कई जिलों में सूखे की स्थिति पैदा हो सकती है. राज्य के सभी जिलों में गर्मी के मौसम के आगमन से पहले ही कूंओं और हैंडपंपों से काफी कम पानी निकल रहा है, क्योंकि भूमिगत जल-स्तर लगातार नीचे जा रहा है.